देहरादून: विधानसभा चुनावों में हाट सीट मानी जाती कोटद्वार सीट पर इस बार कांग्रेस का दबदबा दिख रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज प्रत्याशी व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अचानक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जिसके कारण भाजपा के लिए प्रत्याशी तलाशना मुश्किल हो गया। यमकेश्वर से विधायक रह चुकी ऋतु खंडूड़ी को भाजपा ने काेटद्वार से मैदान में उतारा है। उनके सामने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी खड़े हैं, जोकि कद्दावर नेता हैं। वहीं भाजपा से बागी हुए धीरेंद्र चौहान इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। अब तक के समीकरण में कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशी के बीच टक्कर मानी जा रही है। भाजपा के वोट बैंक को साधने के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोटद्वार पहुंच रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वह ऋतु खंडूड़ी के लिए वोट मांगकर उन्हें आशीर्वाद देंगे। योगी आदित्यनाथ की उत्तराखंड में यह पहला चुनाव प्रचार है, जिसके चलते जनता में योगी को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।
बेटी के प्रचार में पिता भी जुटे
भाजपा प्रत्याशी ऋतु खंडूड़ी को विजेता बनाने के लिए उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भी जुटे हुए हैं। 2012 में वह कोटद्वार सीट से ही चुनाव हारे थे। ऐसे में एक बार फिर विरोधियों को धूल चटाने के लिए वह बेटी ऋतु खंडूड़ी के पक्ष में लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
कोटद्वार का इतिहास
उत्तराखंड बनने के बाद वजूद में आई यह सीट अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय लैंसीडौन में समाहित थी। 2002 और 2012 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी इस सीट से जीत हासिल की थी। वर्ष 2007 में भाजपा के प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह रावत और 2017 में भाजपा से हरक सिंह रावत विजेता रहे।
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