टिहरी: सरकारी स्कूलों से आज हर किसी का मोहभंग हो चुका है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में गंभीरता नहीं दिखाए, ऐसे में अभिभावक निजी स्कूलों को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के टिहरी जिले में भिलंगना ब्लाक के दुर्गम क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय लैणी हिंदाव विद्यालय में तैनात शिक्षक के मेहनत व जागरुकता से इस विद्यालय में छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
प्राथमिक विद्यालय लैणी हिंदाव में तैनात शिक्षक हृदयराम की नियुक्ति मार्च 2009 में हुई थी। तब इस गांव के अधिकांश बच्चे प्राइवेट विद्यालयों में जाते थे तब इस विद्यालय में 18 बच्चे अध्ययनरत थे, लेकिन विद्यालय में तैनात अध्यापक ने अपनी पूरी जिम्मेदारी को निभाते हुए अपने काम को बखूबी अंजाम दिया है। शिक्षक की अथक मेहनत के चलते विद्यालय में छात्रों की संख्या अब 48 तक पहुंच गई है।
विद्यालय में सभी सुविधाएं जैसे प्रोजेक्टर, लैपटॉप, कंम्प्यूटर आदि शिक्षक के प्रयासों से उपलब्ध हैं, जो प्राइवेट स्कूलों में होती हैं। विद्यालय में नवाचारों के साथ बेहतर शिक्षण व्यवस्था सृजित किया गया। उनके इसी सराहनीय प्रयास के लिए उन्हें शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चुना गया। साथ ही इससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलेगी।
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