चंडीगढ़ : 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट के सजा सुनाने के बाद शुक्रवार शाम को पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि इससे पहले सिद्धू ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करते हुए आत्मसमर्पण की खातिर एक सप्ताह का समय मांगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट में पेश होने के लिए जाते वक्त नवजोत सिंह सिद्धू के चेहरे पर साफ तौर पर चिंता की लकीरें दिखीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की। बार-बार सवाल पूछने पर यही कहा कि वह कुछ नहीं कहना चाहते हैं।
सिद्धू ने शाम करीब चार बजे पटियाला में चीफ जुडीशियल मजिस्ट्रेट अमित मल्हन की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शाम करीब चार बजकर 50 मिनट पर सिद्धू को कड़ी सुरक्षा के बीच मेडिकल के लिए पंजाब पुलिस की बस में माता कौशल्या सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां से शाम करीब छह बजकर आठ मिनट पर सिद्धू को एक आम कैदी की तरह गाड़ी में पटियाला की सेंट्रल जेल ले जाया गया। इस मौके पर जेल के बाहर सिद्धू के समर्थकों की भीड़ जमा थी।
क्या था मामला
27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रुपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरवाले गेट की मार्केट में पहुंचे थे। मार्केट में पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची। इस दौरान सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
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