दिल्ली: आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में हुई भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा करते हुए भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि पहली बार किसी महिला आदिवासी प्रत्याशी को वरीयता दी गई है।
उन्होंने कहा, “हम आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के उम्मीदवार के रूप में घोषित करते हैं।” निर्वाचित होने पर, 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह एक आदिवासी जातीय समूह संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं। ओडिशा के आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल बनी थीं। राजनीतिज्ञ होने के अलावा वह अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं।
राज्यपाल बनने से पहले वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य रही हैं। यही नहीं द्रौपदी मुर्मू साल 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल (2015-2021) पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं।मुर्मू ने एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर ओडिशा की राजनीति में प्रवेश किया। वह मयूरभंज (2000 और 2009) के रायरंगपुर से भाजपा के टिकट पर दो बार विधायक रहीं।
उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पार्टी के भीतर कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। मुर्मू 2013 से 2015 तक भगवा पार्टी की एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी थीं। उन्होंने 1997 में एक पार्षद के रूप में चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। उसी वर्ष, उन्हें भाजपा के एसटी मोर्चा का राज्य उपाध्यक्ष चुना गया।
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