देहरादून: बहू कोलैंसीडौन विधान सभा सीट से टिकट दिलाने के लिए बागी हुए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ना तो कांग्रेस को सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचा सके और न ही अपनी बहू अनुकृति गुसाईं को जीत दिलवा सके। बहू की इस हार के साथ ही हरक सिंह की हनक भी खत्म हो गई है। पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं इस बार लैंसडौन से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं। जिन्हें भाजपा के प्रत्याक्षी दिलीप सिंह रावत ने 9,868 वोटों से हरा दिया।
पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं इस बार लैंसडौन से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं। हरक सिंह रावत पर बहू को जीत दिलाने के साथ-साथ कांग्रेस को बहुमत दिलाने का दायित्व भी था ।अनुकृति के टिकट की घोषणा के साथ ही उनका विरोध शुरू हो गया था।चुनाव से कुछ दिन पहले ही अनुकृति, हरक के साथ कांग्रेस में हुई थीं शामिल स्थानीय कांग्रेसियों ने अनुकृति को टिकट देने के विरोध में कोटद्वार से लेकर राजधानी में कांग्रेस प्रदेश कार्यालय तक प्रदर्शन किया था। वो स्थानीय नेता को ही टिकट देने की मांग कर रहे थे। दरअसल चुनाव से कुछ दिन पहले ही अनुकृति, हरक के साथ कांग्रेस में शामिल हुई थीं।
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