कोटद्वार: उच्च न्यायालय ने कोटद्वार के मालन, सूखरो और खो नदी के पुल गिरने के मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। सभी पुल अवैध खनन की वजह से क्षतिग्रस्त होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाने व मामले में चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जितने पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी मरम्मत करने के लिए कारगर कार्ययोजना बनाएं। मामले की अगली सुनवाई नवम्बर माह में होगी।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में पौड़ी गढ़वाल निवासी अक्षांश असवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि बारिश व अवैध खनन की वजह से कोटद्वार सहित पौड़ी गढ़वाल के अनेक पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कई लोगो की जान तक चली गयी है। जिनमें कोटद्वार के मालन ,सुखरो व खो नदी मुख्य है। मालन नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण कोटद्वार नगर का संपर्क कट गया है। इसकी वजह से गढ़वाल क्षेत्र का संपर्क भी भंग है। सरकार ने मालन नदी का पुल 2010 में 12 करोड़ 35 लाख में बनाया था, जो मात्र 13 साल में क्षतिग्रस्त हो गया। जांच करने पर पुल टूटने का मुख्य कारण अवैध खनन बताया गया।
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