देहरादून: “हेलो सर आईसीआईसीआई बैंक केडिट कार्ड डिपार्टमेन्ट से नेहा शर्मा बात कर रही हूँ, सर आईसीआइसीआई बैंक आपको फ्री कॉस्ट क्रेडिट कार्ड ऑफर कर रहा है। जिसकी लिमिट आपको 5 लाख तक प्रोवाइड की जाएगी सर, क्या आप इंटरेस्टेड हो केडिट कार्ड लेने के लिए ? ” फिर आपकी एक सहमती और आपका बैंक एकाउन्ट खाली। ऐसे ही एक कॉल सेंटर को एसटीएफ ने बेनकाब किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि कुछ समय से देशभर में क्रेडिट कार्ड के नाम पर फर्जी कॉल कर उनसे धोखाधड़ी किये जाने की घटनाएं की जा रहीं हैं। जांच में पाया कि जनपद हरिद्वार के थाना सिडकुल क्षेत्र में एक इसी तरह का गिरोह सक्रिय है। जांच के दौरान विभिन्न कई मोबाइल नम्बरों के डेटा का विश्लेषण किया गया साथ ही प्रकाश में आए संदिग्ध बैंक एकाउंटस के लेनदेन का विवरण चेक किया गया तो पाया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल और देशभर के अन्य राज्यों से अलग अलग लोंगो के बैंक खातों से लाखों रुपये गिरोह के खातो में निरन्तर स्थानान्तरित किया जा रहा था।
इनके संदिग्ध खातो में पिछले कुछ महीनो में 70 लाख रूपये का लेन-देन पाया गया। इसके बाद इस गिरोह की सटीक जानकारी के लिए एसटीएफ टीम को थाना सिडकुल क्षेत्र में लगाया गया था, जिस पर 13 मई की देर सांय को सूचना पर एसटीएफ टीम ने मोहल्ला रामनगर, ग्राम रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार में एक घर में छापा मारकर एक व्यक्ति विपिन पाल निवासी रामनगर रावली महदूद थाना सिड़कुल जनपद हरिद्वार मूल स्थायी पता ग्राम पिन्डोरा जहांगीरपुर थाना झिंझाना जिला शामली यूपी उम्र 26 वर्ष को गिरप्तार किया गया। उससे एसटीएफ टीम को 06 मोबाईल फोन, 04 मोबाईल फोन के खाली डिब्बे, 01-कम्प्यूटर मोनिटर, 01-सीपीयू, 14 डेबिट कार्ड, 03 रजिस्टर व 01 आईसीआईसीआई बैंक की चैकबुक, 01 फीनो पेमेंट बैंक की पीओएस मशीन बरामद हुयी है।
साइबर ठग विपिन पाल से पूछताछ में पता चला है कि वह हरिद्वार में वर्ष 2017 से रह रहा है जोकि मूल रूप से ग्राम पिंडोरा जहाँगीरपुर थाना झिझांना जिला शामली यूपी का रहने वाला है। वह 10वीं पास है तथा पिछले कई सालों से क्रिडेट कार्ड, इंश्योरेंस एवं विभिन्न लोन दिलाने के नाम पर फोन के माध्यम से काल कर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। उसके साथ इस काम में 11 व्यक्ति एक गिरोह बनाकर ऑनलाइन ठगी का कार्य कर रहे थे। सभी को अलग-अलग काम दिया गया था। गिरोह को विपिन पाल ही संचालित कर रहा था। एक अन्य गिरोह के 03 सदस्यों का कार्य ऐसा डाटा उपलब्ध कराना होता था जिनके साथ ठगी की जानी है।
आरोपी क्रेडिट कार्ड आदि के नाम पर फर्जी बैंक कर्मचारी बन कर काल करते थे और उनसे क्रेडिट कार्ड जिसकी लिमिट 05 लाख रूपये तक बताकर उसे स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर ठगी कर लेते थे। इसके अलावा लोगों को ठगने के लिये उनको फर्जी लिंक भेज कर उनका फोन हैक कर धनराशि को अपने पास मौजूद बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते है। विपिन पाल ने पूछताछ में ही बताया कि ठगी से प्राप्त धन से रामनगर रावली महदूद में ही अपने घर के पास ही एक दो मंजिला नया घर खरीदा है तथा फर्जी कॉल करने के लिये एक आफिस ब्रहमपुरी बाजार में खोला गया था जहां से कम्पयूटर, मोबाईल फोन, क्रेडिट कार्डस, लेन देन के रजिस्टर, फिनो की पीओएस मशीन, चैक बुक व अन्य सामान बरामद किया गया है।
गिरप्तार करने वाली टीम
- निरीक्षक श्री यशपाल विष्ट।
- उ०नि० श्री धर्मेन्द्र सिंह रौतेला,
- उ०नि० यादविन्दर बाजवा,
- स०उ०नि० हितेश कुमार,
- हे०का० संदेश यादव,
- हे०का० बिरेन्द्र नौटियाल,
- का० अनिल कुमार,
- का० देवेन्द्र सिंह,
- का० रवि पन्त,
- का० नितिन कुमार
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