देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में नए सचिव व परीक्षा नियंत्रक की तैनाती के बाद अब नई भर्ती व लंबित पड़ी परीक्षाओं की राह भी खुल गई है। 31 जनवरी को आयोग के परीक्षा नियंत्रक सेवानिवृत्त हुए थे जिसके बाद यह पद खाली चल रहा था। आयोग के सचिव संतोष बडोनी के कार्यकाल में जो भी भर्ती हुई वह विवादित रही। कुछ भर्तियां पाइपलाइन में चल रहीं हैं तो नई भर्ती करने में आयोग पूरी तरह से विफल रहा।
स्नातक स्तर की परीक्षा का पेपर लीक होने की घटना ने आयोग की कार्यगुजारी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। प्रदेश में सबसे बड़े भर्ती घोटाले में अब तक 18 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें अब सफेदपोशों का हाथ सामने आने लगा है। यही नहीं पूर्व में हुई भर्तियों में भी नकल की बात सामने आने लगी है।
प्रदेश में तेजी बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से 24000 पदों पर भर्ती की घोषणा की गई थी लेकिन विभागों से अधियाचन मांगने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू नही हो सकी। इससे सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ रही है। सरकार की ओर से अब शासन में सचिव संयुक्त पद पर तैनात सुरेंद्र रावत को आयोग में सचिव और उत्तरकाशी की एसडीएम शालिनी नेगी को परीक्षा नियंत्रक पद पर तैनात किया है।
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