देहरादून: दून पुलिस ने एक ऐसे शातिर अपराधी को अपने जाल में दबोच लिया, जो पिछले 17 सालों से चकमा दे रहा था। दहेज उत्पीड़न के केस में वह न सिर्फ वांछित था, बल्कि उस पर 5000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। पुलिस से बचने के लिए उसने अपनी पहचान छिपा रखी थी। नाम भी निर्मल शास्त्री से बदलकर साजन रख लिया था। खैर, पुलिस भी कहां पीछा छोड़ने वाली थी। आखिरकार बहरूपिए साजन को पकड़कर ‘ससुराल’ यानि जेल भेज दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह के मुताबिक मूल रूप से अंबाड़ी रोड अहमदाबाद निवासी निर्मल शास्त्री पर वर्ष 2007 में राजपुर थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया था। तभी से वह फरार चल रहा था। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। साथ ही निर्मल शास्त्री पर 5000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। पुलिस पिछले कुछ समय से फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष प्रयास कर रही है। पुलिस टीम सर्विलांस व मुखबिरों के माध्यम से ऐसे अपराधियों के ठिकाने तलाश रही है।
इसी क्रम में पता चला कि 17 वर्षों से फरार चल रहा निर्मल शास्त्री अपनी पहचान छिपाकर मुनिकीरेती में रह रहा है। उसने पुलिस से बचने के लिए अपना नाम साजन रख लिया है। सूचना पुख्ता होने पर पुलिस ने दबिश दी और निर्मल शास्त्री उर्फ साजन को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी के मुताबिक अपराधी चाहे बचने के कितने भी जतन कर ले, लेकिन उन्हें सलाखों के पीछे अवश्य पहुंचाया जाएगा।
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