देहरादून: उत्तर प्रदेश के प्राइवेट टीचर ने उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पाने के लिए दस्तावेजों में उम्र घटा दी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से आगामी आयोजित की जाने वाली सहकारी निरीक्षक, वर्ग-2/सहायक विकास अधिकारी के लिए लिखित परीक्षा में तीन परीक्षा केंद्रों में आवेदन कर दिया। पुलिस की गोपनीय जांच में उसका भेद खुल गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि पांच अक्टूबर को यूकेएसएसएससी की प्रस्तावित सहकारी निरीक्षक, वर्ग-2/सहायक विकास अधिकारी के लिए लिखित परीक्षा थी। आयोग की ओर से इस परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के डाटा परीक्षण के बाद एक अभ्यर्थी के संदिग्ध होने के संबंध में जांच किए जाने के लिए एक पत्र प्रेषित किया गया। पत्र के संबंध में गोपनीय जांच कराई गई तो परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले एक अभ्यर्थी सुरेंद्र कुमार की ओर से तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों से तीन अलग-अलग फार्म भरे गए थे। पुलिस ने सुरेंद्र कुमार के फार्म व आयोग को प्रेषित प्रमाण पत्रों की विस्तृत गोपनीय जांच करवाई। जिसमें पता चला कि अभ्यर्थी की ओर से परीक्षा के आवेदन के लिए फर्जी प्रमाण-पत्रों का उपयोग कर परीक्षा के लिए अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से अपना पंजीयन कराया गया।
विस्तृत पुलिस जांच में सामने आया कि सुरेंद्र कुमार ने आयोग की लिखित परीक्षा में अनुचित लाभ लेने के लिए धोखाधडी की नीयत से फर्जी प्रमाण पत्र परीक्षा के लिए संलग्न किए थे। इस मामले में एसओजी प्रभारी निरीक्षक मुकेश त्यागी की तहरीर पर सुरेंद्र के विरुद्ध रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस टीम ने पूछताछ के लिए आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि आरोपित सुरेंद्र मूलरूप से कनकपुर भोजपुर मोदीनगर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का निवासी है और वर्तमान में पिलखुआ हापुड में अपने माता-पिता एवं पत्नी के साथ निवास कर रहा है। आरोपी बीए पास है व पिलखुआ हापुड स्थित एक प्राइवेट स्कूल में प्राइवेट टीचर का कार्य करता है। उसकी पत्नी भी इसी स्कूल में शिक्षिका के पद कार्यरत है। आरोपित ने बताया कि उसकी वास्तविक जन्मतिथि 01 अप्रैल 1988 है। उसने वर्ष 2007 में गाजीपुर उत्तर प्रदेश से इंटर की पढाई की। सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए उसकी आयु निकलने लगी तो उसने गाजीपुर से ही दोबारा वर्ष 2012 में 10वीं व वर्ष 2014 में 12वीं की पढाई की। इस दौरान उसने अपनी जन्मतिथि कम करवाते हुए 01 जनवरी 1995 दर्शाई।
2018 में दोबारा सोलन हिमाचल से किया बीए
आरोपी ने बताया कि वर्ष 2012 में उसने राजस्थान से बीए किया था तथा वर्ष 2018 में दोबारा सोलन हिमाचल प्रदेश से बीए किया। वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, जिस कारण उसने योजनाबद्ध तरीके से अपने अभिलेखों में अपनी वास्तविक आयु से कम दर्शाते हुए 03 अलग-अलग परीक्षा केंद्रों टिहरी, हरिद्वार तथा देहरादून से आवेदन किया गया।

More Stories
परिजनों की उम्मीद बनी दून पुलिस, महज 24 घंटे में ढूंढ निकाला लापता बेटा
शराब में धुत बाराती पहुंचे थाने, पुलिस बनी ‘घोड़ी’ की सवारी
यू-ट्यूब पर वीडियो देख बना स्नैचर, राह चलती महिला के गले से खींची सोने की चेन