देहरादून: विभाग मिलने से पहले मंत्रियों ने नौकरशाहों के पेंच कसने की तैयारी कर दी है। पुष्कर धामी सरकार के मंत्री नौकरशाहों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) लिखने का अधिकार मांगने के लिए लामबंद हो गए हैं। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं। अन्य मंत्रियों ने भी महाराज की मुहिम से सहमति जताई है।धामी सरकार की 24 मार्च को हुई पहली कैबिनेट बैठक में महाराज ने इस मुद्दे को उठाया था। तब मुख्यमंत्री ने इस पर बाद में चर्चा करने की बात कहकर सभी को शांत कर दिया। सोमवार को विधानसभा में महाराज ने स्पष्ट कहा कि नौकरशाही को बेलगाम होने से बचाने के लिए मंत्रियों को एसीआर लिखने का अधिकार देना जरूरी है। महाराज ने कहा कि यूपी, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार में मंत्रियों को यह अधिकार है, लेकिन उत्तराखंड में नहीं है। यह दुभार्ग्यपूर्ण है। कई मंत्रियों ने नाम न छापने की शर्त पर महाराज की मुहिम का समर्थन किया।
तिवारी सरकार में था यह अधिकार उत्तराखंड में एनडी तिवारी सरकार में मंत्रियों को नौकरशाहों की एसीआर लिखने का अधिकार था, लेकिन इसके बाद यह खत्म कर दिया गया। नौकरशाहों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को भेजे जाने लगी।वर्ष 2020 में तत्कालीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य और सचिव वी षणमुगम के बीच आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती के लिए चयनित एजेंसी को लेकर विवाद हुआ था। निदेशक ने सचिव की अनुमति के बगैर फाइल देने से इनकार कर दिया था। विवाद बढ़ने पर षणमुगम ने यह विभाग खुद ही छोड़ दिया था।
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