टिहरी: टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के महर गांव में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को गुलदार ने 13 साल की एक बच्ची को निवाला बना दिया। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत और आक्रोश फैल गया है। यह दुखद घटना शाम लगभग साढ़े 5 बजे की है जब बच्ची गांव की दुकान से घर लौट रही थी। इस दौरान गुलदार ने अचानक उस पर हमला किया और उसे घसीटकर जंगल की ओर ले गया।
स्थानीय ग्रामीणों और परिवार ने तुरंत खोजबीन शुरू की और वन विभाग को सूचना दी। बाद में बच्ची का शव जंगल से बरामद किया गया। इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है और लोग सदमे में हैं।
गुलदार के हमलों की यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले तीन महीनों में इसी क्षेत्र में गुलदार ने तीन बच्चों को अपना शिकार बनाया है। लगातार हो रही इन घटनाओं से गांववासियों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों और महिलाओं का अकेले घर से बाहर निकलना अब सुरक्षित नहीं है।
इस बार फिर वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को कई बार गुलदार की सक्रियता की जानकारी दी गई थी, ग्रामीणों का गुस्सा अब उबाल पर है, और उन्होंने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
वन विभाग के अधिकारी हालांकि कहते हैं कि गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं और क्षेत्र में गश्त बढ़ाई गई है। इसके अलावा, वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम को भी बुलाया गया है ताकि गुलदार को पकड़ा जा सके। लेकिन ग्रामीण इन प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि जब तक गुलदार पकड़ा नहीं जाता, तब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो सकती।
इस तरह की घटनाएं उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अक्सर सुनने को मिलती हैं, जहां इंसान और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। प्राकृतिक वासस्थल के सिमटने और भोजन की कमी के कारण गुलदार जैसे वन्यजीव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे ऐसे हमले बढ़ते जा रहे हैं। सरकार और वन विभाग को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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