हल्द्वानी: कुमाऊं दौरे पर गए पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने दो टूक शब्दों में कहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और निर्देशन में उत्तराखंड पुलिस, महिला और नागरिकों की सुरक्षा के साथ ही प्रदेश को अपराध मुक्त और नशामुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश को बाहर के अपराधियों की शरणस्थली नहीं बनने दिया जाएगा। अपराधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
डीजीपी ने 26 सितंबर को अपने कुमाऊं दौरे की शुरुआत नैनीताल जनपद से की। हल्द्वानी कोतवाली परिसर में गार्द की सलामी के बाद उन्होंने स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों, और अन्य समाजसेवियों से सीधा संवाद स्थापित किया। इस जनसंवाद कार्यक्रम में यातायात समस्याओं, युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, और महिला सुरक्षा पर प्रमुखता से चर्चा की गई। पुलिस महानिदेशक महोदय ने नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि पुलिस प्रशासन इन समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और शीघ्र ही कारगर कदम उठाए जाएंगे।
कुमाऊं भ्रमण के दौरान पुलिस महानिदेशक ने नैनीताल में उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी से शिष्टाचार भेंट की। साथ ही विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम में जाकर शीश नवाया और बाबा नीम करौली महाराज से प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इसके बाद 27 सितंबर को पुलिस महानिदेशक ने अल्मोड़ा का दौरा किया, जहां उन्होंने पुलिस लाइन का निरीक्षण किया और चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इन कार्यों में प्रशासनिक भवन, महिला बैरक और टाइप 4 आवासों का निर्माण शामिल था। पुलिस महानिदेशक ने निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए और समयबद्ध रूप से कार्य पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके बाद उन्होंने अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और अपराधों की समीक्षा की। महिला अपराधों, साइबर क्राइम, और युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर कठोर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश दिए गए।
28 सितंबर को पुलिस महानिदेशक ने रुद्रपुर और उधमसिंहनगर का दौरा किया। यहां उन्होंने पुलिस लाइन का निरीक्षण करते हुए 150 सीसीटीवी कैमरों और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उद्घाटन किया। इसके अलावा, उन्होंने स्थानीय नागरिकों के साथ जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें यातायात व्यवस्था, नशामुक्ति और महिला सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। पुलिस महानिदेशक ने इस दौरान नशामुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपील की। पुलिस कर्मचारियों की समस्याओं को सुनते हुए उन्होंने त्वरित निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
पुलिस महानिदेशक महोदय ने 31वीं वाहिनी पीएसी प्रशासनिक परिसर के सभागार में 31पीएसी, 46पीएसी एवं आई0आर0बी0 प्रथम के अधिकारी/कर्मचारियों एवं 31पीएसी में प्रचलित हेड कांस्टेबल (वरिष्ठता) पदोन्नति प्रशिक्षण में आये कर्मचारियों का सम्मेलन लिया और उनकी व्यक्तिगत व पारिवारिक समस्याओं को सुनते हुए उनके निदान हेतु आश्वासन देते हुए सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये ताकि समस्याओं का समाधान समय पर किया जा सके।
यह दिए महत्वपूर्ण निर्देश
1. महिला सुरक्षा: प्रत्येक थाने में महिला डेस्क की स्थापना, महिलाओं से संबंधित अपराधों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई।
2. साइबर अपराध: साइबर ठगी और अन्य साइबर अपराधों में कठोर कार्रवाई, विशेष साइबर सेल का गठन।
3. नशा उन्मूलन: नशे के व्यापार में संलिप्त पाए जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई।
4. यातायात सुधार: प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाना, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा उपाय।
5. पुलिस आधुनिकीकरण: पुलिस भवनों में सोलर पावर और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी परियोजनाओं की शुरुआत
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