चंपावत: चंपावत के पाटी में हुए हादसे में एकमात्र मंजू गहतोड़ी ही जिंदा बची। रात के अंधेरे में लहुलुहान हालत में वह खाई से निकलकर पैदल घर तक पहुंची और पड़ोस में रहने वाले गिरीश पंचौली का दरवाजा खटखटाया। मंजू की हालत देखकर गिरीश पंचौली भी दंग रह गए। मंजू ने घटना के बारे में जानकारी दी तब रेस्क्यू शुरू हुआ।
बृहस्पतिवार की रात हरिद्वार से आ रही एक कार पाटी से एक किमी पहले गहरी खाई में गिर गई। दुर्घटना में मां-बेटे और चालक की मौके पर ही मौत हो गई। सभी मृतक पाटी के लखनपुर लड़ा क्षेत्र के निवासी थे, जबकि एक महिला बुरी तरह घायल हो गई। जख्मी महिला को परिजन प्राथमिक इलाज के बाद बरेली के एक निजी अस्पताल में ले गए हैं। अगर हादसे की अकेली घायल मंजू गहतोड़ी ने हिम्मत न दिखाई होती तो रात में हुई कार दुर्घटना का पता देर में चलता।
कार के 400 मीटर खाई में गिरने से घायल मंजू भी अचेत हो गईं थीं। कुछ देर बाद उन्हें होश आया तो अंधेरे में मंजू खाई से सड़क तक पहुंची और फिर वह शॉर्टकट रास्ते से पैदल चलकर न्यू कॉलोनी पहुंची। वहां मंजू ने को पड़ोसी गिरीश पचौली का दरवाजा खटखटाया।रात में लहूलुहान मंजू को देख गिरीश सन्न रह गए। उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और तुरंत पुलिस और आपात सेवा को कॉल की। घायल मंजू को आपात सेवा 108 की एंबुलेंस से पाटी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। पचौली बताते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम से एक बार तो उनकी आंखों के आगे अंधेरा छा गया।
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