गढ़ न्यूज संवाददाता, पौड़ी : पौड़ी जिले में गुलदार के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब पौड़ी जिले के विकास खंड खिर्सू के ग्राम पंचायत ग्वाड़ में एक 11 साल के बच्चे को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। गोशाला के समीप कुछ बच्चे कंचे खेल रहे थे। इसी दौरान एक कंचा कुछ दूर चला गया। अंकित सिंह (11) पुत्र राकेश सिंह कंचा लेने गया, तभी झाड़ी में घात लगाए गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। साथी बच्चों के शोर मचाने पर परिजन भी पहुंचे और घायल को बेस अस्पताल श्रीनगर ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया। लोगों में दहशत के साथ ही आक्रोश है।
दूसरी तरफ श्रीनगर गढ़वाल में आवासीय बस्तियों में गुलदार घूमते नजर आए। कई स्थानों पर गुलदार सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। गुलदार के बढ़ते मूवमेंट से लोगों में दहशत का महौल। कुछ दिन पूर्व बजीरों के बाग में एक साथ तीन गुलदार दिखाई दिए। इसके बाद फिर अलनंदा कालोनी में सीसीटीवी कैमरे में गुलदार का मूवमेंट कैद हुआ स जिससे यहां लोगों में दहशत बनी हुई है। रुद्रप्रयाग के खलिया गांव में दो दिन पहले ही एक गुलदार ने पांच वर्षीय बच्चे पर हमला कर दिया। बच्चे के सिर, पैर और हाथ पर गहरे जख्म आए। हालांकि बच्चे की हालत खतरे से बाहर है।
कुछ दिन पहले श्रीनगर में घूमते सीसीटीवी में कैद हुए थे गुलदार।
देहरादून में भी बना हुआ है गुलदार का आतंक
देहरादून में गुलदार के कई हमले के बाद शुक्रवार रात रेसकोर्स क्षेत्र में विधायक हास्टल से कुछ दूरी पर गुलदार दिखाई देने की सूचना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम ने देर रात तक क्षेत्र में गश्त की, लेकिन गुलदार की चहलकदमी के कोई निशान नहीं मिले। वन विभाग को क्षेत्रवासियों ने दो दिन पहले सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड एक वीडियो के आधार पर गुलदार दिखने की सूचना दी थी। हालांकि, वन विभाग का दावा है कि वीडियो का परीक्षण किया गया है, जिसमें जंगली बिल्ली दिखाई दे रही है।
वर्ष 2000 से अब तक गुलदार के हमले में 514 लोगों की जान गई
प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष में पिछले वर्ष 2023 तक 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से 13 लोगों की जान गुलदार ने ली है। मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव की वजह से दोनों का ही नुकसान हो रहा है। इस दौरान 82 गुलदार भी मारे गए हैं। वन महकमा और विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं। वर्ष 2000 से अब तक गुलदार के हमले में 514 लोगों की जान गई है, जबकि 1868 लोग घायल हुए हैं। वहीं, वर्ष 2000 से अब तक 1741 गुलदारों की मौत रिकॉर्ड में दर्ज है।
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