देहरादून: टिहरी की तरह अब विकासनगर प्रखंड का लोहारी गांव इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जाएगा। ग्रामीणों के जहन में सिर्फ गांव की यादें रह जाएगी, जिस गांव में लोग बच्चे से जवान व बूढ़े हुए, वही गांव उनके सामने ही पानी में डूबता जा रहा है। ग्रामीणों की आंखों से गिरते आंसू उनके दिल के दर्द को बयान कर रहे हैं।यमुना नदी का पानी हर पाल गांव को अपनी चपेट में ले रहा है। विस्थापितों के खेत खलियान जहां पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं, वहीं घरों के अंदर दो से तीन फीट तक पानी घुस गया है। घरों की खिड़कियों तक पानी का जलस्तर पहुंच गया है।
लोहारी गांव के 47 परिवार ऐसे हैं, जिनके पास कोई ठौर ठिकाना नहीं है। फिलहाल वे स्कूल परिसर और इधर-उधर ठहर कर अपना जीवन यापन करने को विवश हैं।गांव के पानी में डूबने से जहां ग्रामीणों को अपने घर व गांव से बेदखल हो जाने का गम है। गांव के सरकारी स्कूल में रह रहे परिवारों का सारा घरेलू सामान स्कूल के मैदान में पड़ा हुआ है। बच्चे अपने गांव की अंतिम यादों को मोबाइल में कैद कर रहे हैं, ताकि कल जब वह बड़े होंगे तो वह अपने वाली पीढ़ी को अपने गांव की तस्वीरें दिखा सकें।
यमुना नदी पर बना रहा है व्यासी बांध
यमुना नदी पर ग्राम जुड्डों में बनकर तैयार हुए व्यासी बांध की झील में पानी भरने का काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में सोमवार को पानी आ गया है। शाम लगभग तीन बजे से गांव में पानी भरना शुरू हो गया था। इसके बाद लगातार बढ़ते जलस्तर ने गांव के मकान, गौशाला, खेत-खलिहानों व पार्क आदि को अपने आगोश में ले लिया। उधर, परियोजना के अधिकारियों का दावा है कि देर रात तक डैम के लिए निर्धारित जलस्तर की मात्रा को सुनिश्चित कर लिया जाएगा
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