देहरादून: प्रदेश में विजिलेंस की ताबड़तोड़ कार्रवाई लगातार जारी है। विजिलेंस ने अब समाज कल्याण विभाग के रिटायर्ड अधिकारी अनुराग शंखधर के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद शनिवार को शंखधर के देहरादून स्थित आवास पर छापा मारा। इस दौरान उनके आवास नेहरु कालोनी स्थित अजबपुरकलां से नकदी, दस्तावेज व वाहन बरामद हुए हैं। इन्हें विवेचना में शामिल किया गया है। इससे पहले अनुराग शंखधर के खिलाफ ईडी भी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
अनुराग शंखधर का सबसे पहले नाम छात्रवृत्ति घोटाले में आया था। घोटाले में एसआइटी ने 100 से अधिक मुकदमे दर्ज किए थे। शंखधर कई मुकदमों में नामजद हैं। इसके बाद जब ईडी ने जांच शुरू की तो उन्हें भी आरोपित पाया गया। शंखधर समेत आठ अधिकारियों के खिलाफ पिछले दिनों ईडी भी स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसी बीच शंखधर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत भी की थी। शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
विजिलेंस के निदेशक डा. वी मुरुगेशन ने बताया कि शनिवार को अनुराग शंखधर के अजबपुरकलां स्थित आवास पर विजिलेंस की टीम ने छापा मारा। तलाशी के दौरान उनके घर से दो लाख रुपये नकद, दो भवनों के दस्तावेज, एक वाहन व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें विवेचना के लिए कब्जे में लिए गए हैं। बरामद चल-अचल संपत्ति के विवरण को विवेचना में शामिल कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
19 अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध जांच की मांगी अनुमति
विजिलेंस ने भ्रष्टाचार में लिप्त राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात 19 अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध जांच की अनुमति मांगी है। इसके लिए शासन से पत्राचार किया गया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस इन अधिकारियों व कर्मचारियों की संपत्ति की जांच शुरू करेगी। टोल नंबर-1064, शासन व शिकायती पत्रों के माध्यम से मिली शिकायतों की जांच के बाद 19 अधिकारी व कर्मचारी ऐसे पाए गए हैं, जिनकी आय से अधिक संपत्ति होने का अंदेशा विजिलेंस को है।
28 प्रकरणों की चल रही है खुली जांच
वर्तमान में विजिलेंस की ओर से आय से अधिक मामलों में 28 प्रकरणों की खुली जांच की जा रही है। इनमें तीन ट्रैप, 12 एफआइआर और 13 अन्य प्रकरणों की खुली जांच शामिल हैं। इन प्रकरणों को लेकर शासन की ओर से विजिलेंस को खुली जांच की अनुमति मिली हुई है। जिनकी विवेचना डीएसपी और इंसपेक्टर स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है।
08 महीनों में 29 घूसखोरों को भेजा जेल
निदेशक विजिलेंस डा. वी. मुरुगेशन ने बताया कि विजिलेंस की ओर से इस वर्ष आठ महीनों में प्रदेश भर में 22 ट्रैप किए गए, जिनमें सरकारी विभागों के 29 भ्रष्टाचारी अधिकारियों-कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें चार राजपत्रित अधिकारी और 25 गैर-राजपत्रित अन्य अधिकारी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों में पुलिस विभाग से पांच, परिवहन विभाग के तीन, राजस्व विभाग के चार, शिक्षा विभाग के तीन, विद्युत विभाग के चार, राज्य कर विभाग का एक, आबकारी विभाग का एक, खेल विभाग का एक, वन विभाग का एक, शहरी विकास विभाग का एक, लघु सिंचाई विभाग का एक, पंचायती राज विभाग का एक, आवास विकास विभाग का एक, औद्यौगिक विभाग का एक और खाद्य आपूर्ति विभाग का एक आरोपित शामिल है।
विजिलेंस की जनपदवार कार्रवाई
गढ़वाल मंडल
देहरादून – तीन
हरिद्वार – तीन
पौड़ी – तीन
कुमांऊ मंडल
उधमसिंहनगर- 10
नैनीताल – तीन
रिश्वत लेते यह अधिकारी हुए गिरफ्तार
– 25 अप्रैल 2024 को जनपद उधमसिंहनगर के खाद्य आपूर्ति विभाग के विपणन अधिकारी मोहन सिंह टोलिया को 50 हजार रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया।
– 22 मई को जनपद नैनीताल के लघु सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता को 50 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया।
– 25 जून को सहायक आयुक्त राज्य कर शशिकांत दूबे को 75 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया।
– दो जुलाई को जनपद उधमसिंहनगर के जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा को 70 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया।
– 12 जुलाई को जनपद हरिद्वार के खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन को 10 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया।
– 27 सितंबर को आय से अधिक संपत्ति मामले में लक्सर का ग्राम विकास अधिकारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा
24 घूसखोरों के विरुद्ध आरोपपत्र किया दाखिल
विजिलेंस की ओर से गिरफ्तार किए गए 24 घूसखोरों जिनमें चार राजपत्रित व 20 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध शासन से अभियोजन स्वीकृति के प्राप्ति के बाद अदालत में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। इनमें से 15 प्रकरणों में न्यायालय में ट्रायल शुरू हो गया है। न्यायालय की ओर से विगत तीन वर्षों से वर्तमान तक 35 मामलों में निर्णय सुनाते हुए 23 आरोपितों को दंडित किया है।
आम जनता में अक्सर यह डर होता है कि रिश्वत की शिकायत करने पर उनका काम नहीं होगा या फिर रुक जाएगा। इस डर को खत्म करने के लिए विजिलेंस यह सुनिश्चित कर रहा है कि रिश्वतखोरी की शिकायत को गंभीरता से जांचा जाए। आमजन से अपील है कि यदि राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त कोई अधिकारी व कर्मचारी अपने का दुरुपयोग कर रिश्वत की मांग करता है या उसने आय से अधिक अवैध संपत्ति अर्जित की हो, तो इस संबंध में विजिलेंस के टोल फ्री नंबर-1064 व हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर सूचना दें।
– वी मुरुगेशन, निदेशक विजिलेंस, उत्तराखंड
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