देहरादून: प्रदेश में 64 सरकारी अधिकारी व कर्मचारी विजिलेंस की रडार पर हैं। सूत्रों की मानें तो अधिकारी व कर्मचारी लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और ऊर्जा निगम से संबंधित हैं। विजिलेंस आरोपितों की गोपनीय जांच कर रही है, जांच के बाद विजिलेंस उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है। रिश्वतखोरी पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस ब्यूरो की ओर से जारी किए गए टोल फ्री नंबर 1064 पर 10 महीनों में करीब 1097 शिकायतें आई हैं। इनमें से 304 शिकायतें रिश्वतखोरी संबंधी थी, जोकि 186 देहरादून और 118 हल्द्वानी सेक्टर की थी।
इन शिकायतों की जब जांच की गई तो 214 शिकायतों का कोई निष्कर्ष नहीं निकला। 12 मामलों में विजिलेंस ने रिश्वतखोरों को ट्रैप कर उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इनमें से पांच अधिकारी व कर्मचारी देहरादून जबकि सात हल्द्वानी सेक्टर के हैं। विजिलेंस अब 64 अधिकारियों व कर्मचारियों की कुंडली खंगालने में जुट गई है। इनमें से 41 अधिकारी व कर्मचारी देहरादून सेक्टर जबकि 23 हल्द्वानी सेक्टर के हैं। विजिलेंस जांच कर रही है कि शिकायतकर्ता ने शिकायत सही दी या नहीं और जिस अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत दी गई है, उसने रिश्वत ली है या नहीं। जांच के बाद संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
पिछले चार वर्षों में विजिलेंस की ओर से किए गए ट्रैप
वर्ष ट्रैप धनराशि
2022 14 2 लाख 42 हजार रुपये
2021 06 एक लाख 68 हजार रुपये
2020 04 एक लाख 15 हजार रुपये
2019 08 एक लाख 71 हजार रुपये

विजिलेंस के निदेशक डा. वी मुरुगेशन ने बताया कि भ्रष्टाचार विराेधी टोल फ्री नंबर 1064 पर 10 महीनों में करीब 300 शिकायतें आई थी, इनमें से 12 अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रैप किया जा चुका है। इसके अलावा 64 शिकायतों पर जांच प्रचलित है। जांच के बाद इस मामले में अगली कार्रवाई की जाएगी। जनता से अपील है कि यदि कोई रिश्वत मांगता है तो तत्काल टोल फ्री नंबर पर शिकायतें करें, आरोपित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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