देहरादून: शासन ने वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी को उत्तराखंड आयुर्विज्ञान परिषद में न्यायविद सदस्य सेवाओं के लिए नियुक्त किया है। सरकार के इस प्रस्ताव के उपरांत उत्तराखंड राज्यपाल की ओर से इस नियुक्ति के आदेश जारी किए गए। सरकार के अहम मामलों सहित कई महत्वपूर्ण कोर्ट केसों में अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी की मजबूत पैरवी में अहम भूमिका रही। अब कानून की किताब को बेहतर ढंग से समझने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता तिवारी को उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की न्यायविद प्रक्रिया में संवैधानिक पद पर सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया हैं, जिसमें में वह अपनी कानूनी सेवाएं देंगे।

वर्ष 1996 से अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने अपनी वकालत का सफर शुरू किया। उन्होंने कई बड़े और चर्चित मुकदमों में उच्च कोटि की कानूनी पैरवी करते हुए न्यायालयों में एक सफ़ल अधिवक्ता के रूप एक अलग पहचान बनाई हैं। यह भी एक कारण रहा कि उनको सरकार की ओर से एक नई और बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा गया है। इस मौके पर अधिवक्ता तिवारी ने कहा कि सरकार की ओर से दी गई जिम्मेदारी का निष्पक्ष निर्वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में न्यायविद सदस्य के रूप में नियुक्ति पाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। ऐसे में अपनी कानूनी न्यायविद सदस्य के रूप में सेवाएं बेहतर तरीके से देने का प्रयास करूंगा।
अधिवक्ता तिवारी की उपलब्धियां
अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी मूल रूप से अल्मोड़ा जनपद के रहने वाले हैं हालांकि उनका जन्म और पढ़ाई लिखाई देहरादून में हुई। उन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी वर्ष 2009 से वर्तमान तक उत्तराखंड बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य भी हैं। इसके साथ ही बार काउंसिल आफ़ इंडिया की स्पेशल कमेटी में 2014 से 2018 तक सदस्य भी रहे हैं।

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