देहरादून: वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का मंगलवार रात को निधन हो गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों और राजनेताओं और राज्य आंदोलनकारी सहित समाज के विभिन्न वर्गों ने शोक जताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड निर्माण में सुशीला बलूनी का अहम योगदान रहा है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं का नेतृत्व करने वाली भाजपा की नेता सुशीला बलूनी लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थी। सुशीला बलूनी ने अपनी सामाजिक एवं राजनीतिक यात्रा में एक बेहतरीन पारी खेली है। एडवोकेट सुशीला बलूनी 1980 के समय से हेमवती नंदन बहुगुणा के पौड़ी गढ़वाल लोक सभा चुनाव से राजनीति में सक्रिय रहीं और बहुगुणा के प्रबल समर्थकों में से थीं। वह उत्तराखंड क्रांति दल में भी लम्बे समय तक रहीं। उनकी उत्तराखंड पृथक राज्य निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका रही।
उन्होंने देहरादून मेयर का चुनाव भी लड़ा और त्रिकोणीय संघर्ष में बहुत अच्छे वोट हासिल किए, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाईं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। वह उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद की अध्यक्ष और उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं। उनकी छवि एक जुझारू, संघर्षशील और ईमानदार महिला नेत्री के रूप में रही।

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