देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग से कनेक्शन रखने वाले दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह पुलिसकर्मी पूर्व में रेंज कार्यालय में तैनात थे। गैंग से कनेक्शन जुड़ने के बाद उनका ट्रांसफर पिथौरागढ़ किया गया था। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों पर गैंग से सांठगांठ कर पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने और संपत्ति कब्जाने की साजिश में शामिल होने के आरोप हैं। यह मामला मनीष बॉलर और उसके साथियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में करोड़ों की संपत्ति को फर्जी तरीके से हड़पने की कोशिश की थी।
एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि बीते माह गोपनीय सूचना और प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना गंगनहर में प्रवीण वाल्मीकि, उसका भतीजा मनीष बॉलर, पंकज अष्टवाल समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। जांच के दौरान मनीष बॉलर और पंकज अष्टवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद गैंग की मदद करने वाली महिला रेखा को भी पकड़ा गया। अब जांच में दो पुलिसकर्मी शेर सिंह और हसन अब्बास जैदी की संलिप्तता सामने आई, जिन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद जेल भेजा गया।
यह पूरा विवाद रुड़की क्षेत्र के ग्राम सुनेहरा की करोड़ों की संपत्ति से जुड़ा है। वर्ष 2014 में श्याम बिहारी की मृत्यु के बाद उसके छोटे भाई कृष्ण गोपाल ने संपत्ति की देखरेख शुरू की। वर्ष 2018 में प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने संपत्ति कब्जाने की नीयत से कृष्ण गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद श्याम बिहारी की पत्नी रेखा संपत्ति संभाल रही थीं, जिन्हें धमकाकर जमीन अपने नाम करने का दबाव बनाया गया। जब उन्होंने मना किया तो 2019 में उनके भाई सुभाष पर मनीष बॉलर और उसके साथियों ने हमला कर दिया। लगातार धमकियों से भयभीत परिवार ने क्षेत्र छोड़ दिया और चुप्पी साध ली। इसी बीच गैंग ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर संपत्ति को बेच दिया। इस खेल में मनीष बॉलर का सहयोगी पंकज अष्टवाल मुख्य रूप से शामिल था।
प्रवीण वाल्मीकि से थे गहरे संबंध
एसटीएफ जांच में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार पुलिसकर्मी शेर सिंह और हसन अब्बास जैदी की प्रवीण वाल्मीकि और मनीष बॉलर से गहरे संबंध थे। शेर सिंह ने 26 अप्रैल 2025 को रुड़की कोर्ट परिसर में पीड़ित पक्ष को प्रवीण वाल्मीकि से मिलवाया और जमीन बेचने के लिए दबाव बनाया। वहीं, हसन अब्बास जैदी ने मार्च 2025 में मनीष बॉलर के साथ मिलकर पीड़िता रेखा के पुत्र सूर्यकांत को रुड़की अस्पताल में धमकाया और संपत्ति बेचने को कहा। दोनों पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल्स और मुलाकातों के प्रमाण मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई।
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