कोटद्वार : लैंसडौंन तहसील के ऑडियो लीक मामले में आखिरकार पटवारी व कानूनगो पर गाज गिर ही गई। लैंसडौंन के एसडीएम की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी पौड़ी ने संबंधित पटवारी को निलंबित कर दिया जबकि कानूनगो का लैंसडौंन से हटाते हुए धुमाकोट तहसील भेज दिया गया है। निलंबित पटवारी को तहसील मुख्यालय लैंसडौंन से अटैच करने के आदेश दिए गए है। साथ ही पूरे मामले की जांच अब पौड़ी के एसडीएम को सौंपी गई है।
बीते दिनों लैंसडौंन तहसील का एक आडियो क्लिप वायरल हो गया था। जिसमें तीन हजार के लेन देन की बात सामने आई थी। आडियो के लीक होते ही डीएम ने तभी मामले की जांच एसडीएम लैंसडौंन को देते हुए रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में एसडीएम लैंसडौंन ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। हालांकि रिपोर्ट में किसी तरह के लेन-देन की पुष्टि नहीं की गई है। इस ऑडियो में दो पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। इसे कर्मचारी आचरण नियमावली के अनुकुल नहीं माना गया।
पौड़ी के जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बताया कि ऑडियो लीक मामले में कौडिया-4 में तैनात पटवारी वन्दना को निलंबित करते हुए तहसील मुख्यालय लैंसडौंन अटैच कर दिया गया है। जबकि कानूनगो रमेश चंद्र का भी प्रशासानिक आधार पर तबादला धुमाकोट कर दिया गया है। डीएम ने बताया कि जांच प्रभावित न हो इसके लिए यह कदम उठाया गया है। इस पूरे मामले की जांच अब एसडीएम पौड़ी आकाश जोशी को सौंपते हुए 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। डीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट के अनुसार ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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