देहरादून: आनलाइन फ्लाइट बुकिंग के नाम पर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का राजपुर थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है जबकि कार्यालय में काम करने वाले 47 कर्मचारियों को नोटिस देकर पूछताछ की जा रही है। आरोपित नाम व आइपी बदलकर खुद को पीसीएम वर्ल्ड वाइड फ्लाइट लिमिटेड का वरिष्ठ अधिकारी बताकर ठगी की घटना को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार के अनुसार पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि राजपुर स्थित कैनाल रोड के पास बचत स्टोर बिल्डिंग के तृतीय तल में इंटरनेशनल काल सेंटर संचालित हो रहा है। काल सेंटर के माध्यम से विदेशी नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुक कराने के नाम पर उनसे ठगी की जा रही है। इस मामले में राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट की देखरेख में तीन टीमें गठित की गई। गुरुवार रात को आइटी पार्क चौकी प्रभारी शोएब अली की देखरेख में पुलिस ने टीम ने काल सेंटर में दबिश दी तो वहां एक बड़े हाल में 65 केबिन का एक काल सेंटर संचालित किया जा रहा था।
केबिनों में बैठे युवक-युवतियां खुद को अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुकिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुकिंग कराने के नाम पर उसने ठगी की जा रही थी। पुलिस टीम ने विकास उर्फ फिलिप निवासी पंचकुला हरियाणा, मोहम्मद मोनिश उर्फ जान निवासी मोहल्ला नज्जू सराय, अफजलगढ़, जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश और मन्नू यादव उर्फ रोब निवासी विलिज चौकी, थाना फरह जिला मथुरा उत्तर प्रदेश को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की गई।
विकास उर्फ फिलिप है गिरोह का सरगना
एसपी सिटी ने बताया कि पूछताछ में गिरोह के सरगना विकास ने बताया कि वह काल सेंटर का मैनेजर है और उसके दो साथी फर्जी काल सेंटर को संचालित कर रहे थे। वह अमेरिका व कनाडा के नागरिकों के साथ ठगी करते हैं। सेंटर का मालिक अपुल मित्तल दिल्ली में बैठता है। वह विदेशी नागरिकों से संपर्क कर उनसे अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बुकिंग करने के नाम से उनके क्रेडिट, डेबिट व वीजा कार्ड की जानकारी हासिल करता है। कुछ विदेशी नागरिकों की फ्लाइबट बुक करते हैं जबकि अधिकतर नागरिकों से रुपये लेकर फ्लाइट बुक नहीं करते हैं। इस तरह वह विदेशी ग्राहकों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करते हैं।
विदेशी नागरिकों को शक न हो इसलिए अपने नाम भी विदेशी रखे
आरोपित विकास ने बताया कि विदेशी नागरिक उन पर शक न करें इसलिए सभी ने अपने-अपने नाम विदेशी रखे हुए हैं। वह अपने नाम के साथ ही अपनी आइपी एड्रेस भी बदल देते हैं ताकि उन्हें कोई पकड़ न पाए। विदेशी नागरिकों के साथ लेनदेन डालर के माध्यम से होता है और अन्य कंप्यूटर से काल को सिस्टम साफ्टवेयर से आपरेट करते हैं। आरोपितों के पास से तीन मोबाइल फोन, 48 मानिटर, 50 सीपीयू, 44 हेडफोन व वाई फाई राउटर बरामद किए गए हैं।
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