July 3, 2025

GarhNews

Leading News Portal of Garhwal Uttarakhand

STF ने पकड़े साइबर ठग, दुबई,चाइना व पाकिस्तान से जुड़े हैं तार, ऐसे कर रहे थे ठगी

देहरादून: नौकरी के नाम पर साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पर्दाफाश किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर ने बताया कि जून 2024 में मोहब्बेवाला निवासी नितिन डबराल ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने naukri.com पर सर्च किया था, जिस पर अज्ञात व्यक्ति ने उनसे करीब 23 लाख रुपए की साइबर ठगी कर दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के सीओ अंकुश मिश्रा की देखरेख में एक टीम गठित की गई और विवेचना विकास भारद्वाज को सौंपी गई।

ठग गिरोह के बारे में जानकारी देते एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर व सीओ अंकुश मिश्रा।

इस मामले में एसटीएफ की टीम ने आरोपित अलमास आजम व अनस दोनों निवासी अरशफाबाद जाजमऊ निकट शिवांश टेनरी कानपुर, उत्तर प्रदेश और सचिन अग्रवाल निवासी कृष्णा पार्क, विकासपुरी दिल्ली को अगस्त 2024 में गिरफ्तार किया था। वहीं आयुष कुलाश्री निवासी धामवाला अडोईवाला देहरादून, सलीम अहमद निवासी धामवाला मोहल्ला और आकाश कुमार निवासी ग्राम अलावलपुर थाना भोराकला तहसील बुढाना जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी किया था। गुरुवार को रवि ढींगरा निवासी गौर सिटी ग्रेटर नोएडा गौतम बुध नगर उत्तर प्रदेश और हरपाल सिंह निवासी पदम बस्ती नागल राय थाना मायापुरी वेस्ट दिल्ली को गिरफ्तार किया। गिरोह से जुड़े शिखा वर्मा निवासी महिंद्रा एंक्लेव शास्त्री नगर गाजियाबाद, सोनम ढींगरा निवासी 12 एवेन्यू गौर सिटी ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर, वर्षा पंवार निवासी टाकिया चौक पोस्ट ऑफिस बुरारी नॉर्थ दिल्ली और मीनू शर्मा निवासी तारानगर ककरोला दिल्ली को नोटिस जारी किया।

पूछताछ में साइबर ठगों ने बताया कि गिरोह का संचालन दुबई, चाइना व पाकिस्तान से हो रहा है। वह नौकरी के नाम पर दस्तावेज वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन, जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं। बताया कि विभिन्न लोगों की ओर से नौकरी के लिए ऑनलाइन naukari.com आदि विभिन्न वेबसाइटों पर सर्च किया जाता है। साइबर अपराधियों की ओर से सक्रिय होकर फर्जी आईडी पर प्राप्त मोबाइल नंबरों, व्हाट्सएप टेलीग्राम व प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम से मिलती-जुलती फर्जी ईमेल आईडी आदि के माध्यम से ऑनलाइन नौकरी के इच्छुक लोगों से संपर्क करते हैं। उन्हें पूर्ण विश्वास में लेकर विदेश में नौकरी लगाने के लिए दस्तावेज वेरिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन जॉब सिक्योरिटी, फास्ट ट्रैक वीजा के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है। साइबर अपराधियों की ओर से पीड़ितो से धोखाधड़ी कर प्राप्त धनराशि को प्राप्त करने के लिए अन्य लोगों के ही बैंक खातों की डिटेल उनके ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड लेकर फर्जी खाता खोलते हैं। इन्हीं खातों में धनराशि जमा की जाती है। विदेश में बैठे साइबर ठगों की मदद से बाइनेंस ऐप जोकि क्रिप्टो ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होता है के माध्यम से USDT 90 रुपये के भाव पर खरीदकर बाइनेंस वॉलेट में USDT ट्रांसफर कर दिया जाता है। जहां से इनसे कनेक्ट विदेशी ठग इन्हें USDT के लिए 104 रुपए के भाव में इंडियन रुपया भेजता था और मुनाफे को आपस में बांट देते थे।

About Author