देहरादून: श्री केदारनाथ व बद्रीनाथ में पेटीएम QR कोड किसने लगाया यह जांच का विषय बन गया है। मामला बढ़ने के बाद पांच साल में पेटीएम से बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर में कितना चंदा आया है, इसकी जांच की जाएगी। 2017 में मंदिर समिति और पेटीएम के बीच अनुबंध हुआ था, लेकिन 2018 के बाद ऑनलाइन जमा चंदे का कोई अता-पता नहीं है। यहां तक कि मंदिर समिति की वर्तमान कार्यकारिणी को भी चंदे के लिए अनुबंध की कोई जानकारी नहीं है।
केदारनाथ व बदरीनाथ मंदिर में पेटीएम क्यूआरकोड के बोर्ड लगाने के बाद समिति हरकत में आ गई है। केदारनाथ व बदरीनाथ मंदिर ने चंदा राशि के ऑनलाइन भुगतान के लिए पेटीएम के साथ अनुबंध किया था, लेकिन इससे कितनी राशि प्राप्त हुई, इसकी मंदिर समिति को भी जानकारी नहीं है। पेटीएम के साथ किन शर्तों पर अनुबंध हुआ था, इसकी तह तक जाने के लिए स्वयं समिति आगे आई है। मामले में मंदिर समिति से जुड़े कुछ कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।

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