देहरादून: स्नातक स्तर परीक्षा का पेपर लीक मामले की चल रही जांच के तार सचिवालय रक्षक एवं कनिष्ठ सहायक (ज्यूडिशियरी) से भी जुड़ रहे हैं। अब पुलिस विभाग ने दोनों परीक्षाओं की जांच भी एसटीएफ को सौंप दी है। वहीं वर्ष 2020 में उत्तराखण्ड पुलिस ने वन आरक्षी (फॉरेस्ट गार्ड) परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिये नकल कराने वाले गिरोह को पकड़ा था, जिस संबंध में जिला हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल में मुकदमे पंजीकृत हैं। इन मुकदमों की भी दोबारा जांच के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया है।
डीजीपी ने बताया कि जो लोग स्नातक स्तर का पेपर लीक करने में पकड़े गए हैं, उनका इन परीक्षाओं में भी हाथ होने की संभावना है, ऐसे में दो परीक्षाओं की नए सिरे से जांच और एक परीक्षा की दोबारा जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार पेपर लीक का सरगना हाकम सिंह रावत के सत्ता में बैठे कई राजनीतिक व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मेलजोल था। आशंका है कि उसने पहले भी परीक्षाओं में नकल करवाई है। ऐसे में अन्य परीक्षाओं की जांच होने पर कुछ और मगरमच्छ सलाखों के पीछे होंगे वहीं पैसे देकर भर्ती होने वालों के खिलाफ कार्रवाई संभव है।

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