कोटद्वार: 34 मुकदमों में वांछित हिस्ट्रीशीटर मेहरबान सिंह रावत उर्फ मेरू की संदिग्ध हालात में रविवार देर रात मौत हो गई। वह 23 साल सितारगंज जेल में सजा काटने के बाद गत सात अप्रैल को घर आया था। परिजनों की ओर से मौत संदिग्ध बताने के बाद पुलिस ने बेस अस्पताल के दो डॉक्टरों के पैनल से उसका पोस्टमार्टम कराया।
कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि मेहरबान सिंह रावत उर्फ मेहरू निवासी निंबूचौड़ कोटद्वार कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर रहा है। उस पर हत्या और अन्य मामलों में 34 मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 1999 में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। सितारगंज जेल में उसने करीब 23 साल तक सजा काटी। वह गत सात अप्रैल को सजा पूरी करने के बाद अपने निंबूचौड़ स्थित आवास पर पहुंचा था।
पुलिस ने बताया कि रविवार रात को अस्पताल से मेहरबान सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में जहर खाने से मौत की सूचना मिली थी, जिस पर पुलिस बेस अस्पताल पहुंची। परिजनों ने पूछताछ में बताया कि मेहरबान सजा पूरी होने के बाद अपने घर पर ही रहता था। रविवार रात को वह खाना खाकर सो गया था। रात करीब एक बजे उनकी पत्नी ने परिजनों को बताया कि मेहरबान सिंह ने जहर खा लिया है।
उसकी हालत खराब होने पर परिजन उसे 108 की मदद से बेस अस्पताल लेकर आए, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पुलिस को लिखित रूप से उसकी मौत को संदिग्ध बताया। इसके बाद बेस अस्पताल के दो डॉक्टरों के पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चलेगा।
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