November 21, 2024

GarhNews

Leading News Portal of Garhwal Uttarakhand

भर्ती में नकल प्रकरण में निलंबित 20 दारोगा बहाल, विभाग ने यह रखी अहम शर्त

Spread the love

देहरादून: दारोगा भर्ती घपले में निलंबित किए गए 20 दारोगाओं को बड़ी राहत मिली है। पुलिस मुख्यालय की ओर से निलंबित किए गए सभी दारोगाओं को बहाल कर दिया है। इनमें से पौड़ी गढ़वाल में तैनात दारोगा पुष्पेंद्र की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इनकी बहाली का जांच से ताल्लुक नहीं है। यदि जांच में कोई भी दोषी पाया जाता है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल, मंगलवार शाम को सभी जिलों ने मुख्यालय के निर्देश पर इन्हें बहाल कर दिया है। बहाल हुए दारोगाओं ने ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली है।

वर्ष 2015-16 में कांग्रेस की तत्कालीन हरीश रावत सरकार में दारोगा के 339 पदों पर सीधी भर्ती की परीक्षा गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर ने कराई थी। नौ वर्ष पूर्व हुई दारोगा भर्ती में धांधली का मामला तब चर्चा में आया, जब वर्ष 2022 के दौरान उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से कराई गई विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में नकल और लेनदेन का राजफाश हुआ था। उस समय जब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने नकल माफिया उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य व भाजपा नेता हाकम सिंह रावत व उसके सहयोगी केंद्रपाल को गिरफ्तार किया तो उन्होंने वर्ष 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती में भी घपले की बात कबूल की।

पुलिस विभाग की भर्ती पर सवाल उठने के बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने 26 अगस्त-2022 को शासन को पत्र भेजकर दारोगा भर्ती में लगे घपलों के आरोप की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच विजिलेंस जांच से कराने की अनुमति दी। दारोगा भर्ती परीक्षा की भी जांच हुई तो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर जनवरी 2023 में 20 दारोगाओं को निलंबित कर दिया गया। इस प्रकरण में सितंबर-2022 में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था।

विजिलेंस ने 12 को बनाया था आरोपित

गढ़वाल से 210, कुमाऊं से 129 बने थे दारोगा
दारोगा भर्ती परीक्षा में 339 युवा उत्तीर्ण हुए थे। जिसमें गढ़वाल मंडल के 210, जबकि कुमाऊं मंडल के 129 अभ्यर्थी थे। इनमें से 40 से 45 दारोगा पर मोटी रकम देकर उत्तीर्ण होने का आरोप था। प्रकरण की जांच विजिलेंस को सौंपी गई। करीब एक साल तक चली विजिलेंस की लंबी जांच के बाद विजिलेंस ने 28 जनवरी को रिपोर्ट शासन को सौंपी।

ये दारोगा हुए हैं बहाल

जिला देहरादून: ओमवीर सिंह, प्रवेश रावत, राज नारायण व्यास, जैनेंद्र राणा व निखिलेश बिष्ट।
जिला ऊधमसिंहनगर: दीपक कौशिक, अर्जुन सिंह, बीना पपोला, जगत सिंह शाही, हरीश महर, लोकेश व संतोषी।

जिला नैनीताल: नीरज चौहान, आरती पोखरियाल नैनीताल (अभिसूचना), प्रेमा कोरमा व भावना बिष्ट।
जिला चमोली: गगन मैठाणी

जिला चंपावत: तेज कुमार
एसडीआरएफ: मोहित सिंह रौथाण

About Author