देहरादून: गलती चाहे जिस किसी की भी हो भुगतना पुलिसकर्मियों को ही पड़ता है। ऐसा ही एक मामला घंटाघर का सामना आया है। यहां घंटाघर की घंटी नहीं बजी तो बेवजह चौकी प्रभारी हर्ष अरोड़ा को लाइन हाजिर कर दिया गया। अब जब जांच हुई और उनकी कोई गलती नहीं पाई गई तो उन्हें दोबारा बहाल किया गया। फिलहाल मामला उच्च स्तर तक पहुंचने पर पूरे प्रकरण की जांच करवाई जा रही है कि आखिर किस कारण घंटी नहीं बज पाई।
घंटाघर पर लगी घंटी न बजने के चलते आयुक्त नगर निगम, क्षेत्राधिकार नगर देहरादून, निरीक्षक कोतवाली नगर ने मौके पर जाकर संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया तो मौके पर घंटाघर में स्थापित नियंत्रण कक्ष में ताले लगे हुए पाए गए तथा घटनास्थल में किसी प्रकार के कोई जबरन प्रवेश के कोई साक्ष्य नहीं मिले। निरीक्षण के दौरान मौके पर घड़ी से जुड़े हुए तारों का कटा होना पाया गया तथा वहां रखे कीमती उपकरण सुरक्षित पाये गये। घंटाघर की घड़ियों तथा स्पीकरो के कार्य न करने का कारण कनेक्टिविटी का न होना पाया गया, जो संभवत: उसमें लगी तारों के काटने कटने के कारण हुआ है। नियंत्रण कक्ष में कटी हुई तारे मौके पर ही मिली , उन्हें न तो चोरी किया गया था और न ही ले जाने का प्रयास किया गया था। मौके पर फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटना स्थल की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई।
मौके पर नियंत्रण कक्ष में लगे तालों के सही पाए जाने से उक्त घटना में तारों से छेड़छाड़ किया जाना परिलक्षित हुआ है, जो सम्भवः उन व्यक्तियों द्वारा की गई हो जिनकी नियंत्रण कक्ष की चाबी तक पहुंच हो। इस संबंध में चाबी के रखरखाव में बरती गई लापरवाही के संबंध में नगर निगम को पुलिस की ओर से अपने स्तर से जांच करने हेतु पत्राचार किया गया है।
पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए एसएसपी देहरादून अजय सिंह के निर्देश पर चौकी प्रभारी धारा उप निरीक्षक हर्ष अरोड़ा को लाइन हाजिर करते हुए प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी नगर को सौपी गयी थी। प्रकरण की जांच के संबंध में क्षेत्राधिकारी नगर की ओर से दी गई जांच रिपोर्ट में पूरे प्रकरण में चौकी प्रभारी धारा हर्ष अरोड़ा की कोई लापरवाही नहीं पाई गई, जिस पर उन्हें वापस भेजा गया।
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