देहरादून: उत्तराखंड के युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल (26) की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इलेक्ट्रिकल से बीटेक गुंजन को गायन और संगीत के क्षेत्र में काफी रुचि थी, जिससे गुंजन ने कम समय में गायन और संगीत में ख्याति अर्जित कर ली थी। उनके आकस्मिक निधन पर लोक संगीत, सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों ने गहरा दुख जताया है।
भिलंगना ब्लॉक के खसेती और वर्तमान में नई टिहरी निवासी शिक्षक कैलाश डंगवाल के पुत्र गुंजन डंगवाल का शनिवार सुबह चंडीगढ़ के पंचकूला में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। गुंजन चंडीगढ़ किसी दोस्त से मिलने जा रहे थे। वह स्वयं कार ड्राइव कर अकेले ही चंडीगढ़ जा रहे थे। रास्ते में उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।गुंजन ने बहुत कम समय में संगीत के क्षेत्र में नाम कमा लिया था।
उनका पहला एलबम नंदू मामा की स्याली काफी पॉपुलर हुआ था। धीरे-धीरे गुंजन गीत के साथ-साथ संगीत और वीडियो एलबम बनाने के लिए भी कार्य करने लगे। इन दिनों उनका गीत चैता की चैत्वाल्या संगीत ने भी बाजार में धूम मचा रखी है। पेशे से गीतकार गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक भी किया था। साथ ही संगीत विशारद की भी उनके पास डिग्री थी।
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