देहरादून: त्यूणी में आर्मी जवान के साथ मारपीट करने के मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह ने थाना त्यूणी में नियुक्त कांस्टेबल सुनील चौहान व कांस्टेबल मुनेश रावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले में एसएसपी की ओर से एसपी देहात से प्रकरण की जांच करवाई थी। रिपोर्ट मिलने के बाद एसएसपी ने कड़ा एक्शन लिया है।
इस मामले में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष,व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव आनंद बर्धन, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ व एसएसपी अजय सिंह को शिकायत दी थी। पुलिस को लिखे पत्र में विधायक ने कहा कि दीपक थापा निवासी ग्राम रायगी त्यूनी भारतीय सेना में कार्यरत हैं तथा वर्तमान में अवकाश पर अपने घर आए हुए हैं। 12 जून की रात्रि थाना त्यूनी की पुलिस दीपक थापा को झूठा आरोप लगाते हुए रास्ते से उठाकर ले गई तथा पुलिसकर्मियों ने नशे में धुत होकर दीपक थापा के साथ थाने में अमानवीय तरीके से मारपीट की गई जिसके चलते वह बुरी तरह घायल हो गए।
उन्होंने कहा सेना का एक जवान जोकि अपने परिवार से दूर रहकर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए रात-दिन कार्यरत है। कानून के रक्षकों की उसके साथ इस प्रकार अमानवीय एवं अलोकतांत्रिक तरीके से मारपीट किया जाना किसी भी स्थिति में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है। भारतीय सेना में तैनात जवान दीपक थापा मारपीट प्रकरण में शामिल थाना त्यूनी में तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित धाराओं में कानूनी कार्रवाई के निर्देश जारी किए जाएं। यदि पुलिसकर्मियों के खिलाफ शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं जाती है तो स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के नाते 18 जून को स्थानीय जनता के साथ थाने का घेराव करने को मजबूर होना पड़ेगा।
हालांकि एसएसपी को भेजी रिपोर्ट में थानाध्यक्ष त्यूणी विनय मित्तल ने बताया कि 12 जून की देर रात एक सड़क हादसे की सूचना मिली थी। सूचना पर पुलिस टीम को भेजा गया था। घायल को हायर सेंटर रेफर करने के बाद पुलिस टीम वापस थाने आ रही थी तो त्यूनी गेट के पास स्विफ्ट कार में सवार चार युवक तेज आवाज में गाने चला रहे थे वे सड़क पर हुड़दंगबाजी कर रहे थे। चारों को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया। कार सवार सोनू, सिकन्दर थापा, सन्नी और दीपक थापा नशे में थे। मेडिकल के उपरांत उनके स्वजनों से संपर्क किया गया लेकिन कोई भी थाने नहीं आया। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर चारों को थाने में रखा गया और सुबह उनके स्वजनों के हवाले किया गया।

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