देहरादून: पंतग उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला चाइनीज मांजा आमजन के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। प्रतिबंधित होने के बावजूद भी कई दुकानदार अन्य सामान की आड़ में इस मांझे को धड़ल्ले से बेच रहे हैँ। सोमवार को नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने क्षेत्र में चेकिंग के दौरान दो दुकानों से भारी मात्रा में चाइनीज मांजा पकड़ा है। एक दुकान पर प्लास्टिक घरेलू सामान व दूसरी दुकान पर स्टेशनरी की आड़ में यह खतरनाक मांजा बेचा जा रहा था। पुलिस ने दोनों दुकानदारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। डोईवाला कोतवाली पुलिस ने भी चाइनीज मांझा बेचने पर योगेश निवासी रेशम माजरी डोईवाला के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले रविवार को रानीपोखरी थाना पुलिस ने यह मांझा बेचने पर एक व्यक्ति पर कार्रवाई की थी।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान व पंजाब में चाइनीज मांजे से कई हादसे होने की घटनाओं के बाद एसएसपी अजय सिंह ने जिले में इस खतरनाक मांजे को लेकर अभियान शुरू किया है। सोमवार को नेहरू कालोनी की बाइपास चौकी के प्रभारी प्रवीण पुंडीर ने दुकानों में चेकिंग की। इस दौरान नवादा चौक के पास एक दुकान के अंदर से 12 चकरी व 29 रील चाइनीज मांझे और नौका चौक दुधली रोड चौहान स्टेशनरी से 14 रील व 18 लच्छी चाइनीज मांजे की बरामद हुई। थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी मोहन सिंह ने बताया कि चाइनीज मांजा बेचने पर भगवान सिंह थापा निवासी नवादा नेहरू कालोनी व हिमत सिंह निवासी दौड़वाला नेहरू कालोनी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्यों जानलेवा होता है चाइनीज मांझा
भारत में धागे से पतंग की डोर तैयार होती है लेकिन चीन में नायलान के साथ मेटेलिक पाउडर का उपयोग होता है। इसमें कांच व लोहे के चूरे को भी लगाया जाता है, ताकि मांजे की धार और तेज हो सके। नायलान के धागे के कारण जब आसमान में पतंगों का पेच लड़ता है तो खिंचाव के कारण चाइनीज मांझा कटता नहीं है। कांच और लोहे का पूर्ण से तैयार यह मांझा इतना खतरनाक होता है कि यह शरीर के किसी भी हिस्से को काट सकता है।
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