देहरादून: देहरादून जिले के डीएम (जिलाधिकारी) इन दिनों अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में हैं। अक्सर अफसरों के दरबार मे लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं, लेकिन समाधान नहीं मिलने पर मायूस होकर लौट जाते हैं। लेकिन यहां का नजारा कुछ औऱ है। लोग रोते हुए आते हैं और समाधान पाकर मुस्कराते हुए लौटते हैं। यह सब संभव हुआ है देहरादून जिले के डीएम सविन बंसल की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की वजह से।
बुजुर्ग परमजीत सिंह ने अपनी 3080 वर्ग फुट सम्पति जोकि 2 बड़े हॉल है को गिफ्ट डीड में अपने पुत्र गुरूविंदर सिंह के नाम कर दिया था। गिफ्ट डीड की शर्तों के अनुसार पुत्र को अपने माता-पिता के भरणपोषण एवं माता-पिता के साथ रहने तथा पोते-पोती को दादा-दादी से दूर नही करना था। किन्तु सम्पति नाम होते ही पुत्र ने गिफ्ट डीड में की शर्तों का उल्लंघन कर माता-पिता से दूर रहने लगा तथा पोते-पोती को भी दादा-दादी से मिलने नही दिया गया। बुजुर्ग दम्पति के प्रकरण पर जिला मजिस्टेªट न्यायालय में विधिवत पर्याप्त सुनवाई की गई। विपक्षी गुरूविंदर सिंह आदि को नोटिस जारी किया गया एवं विज्ञप्ति के माध्यम से भी सार्वजनिक सूचना प्रसारित की गई। इसके बावजूद भी विपक्षी द्वारा न्यायालय में आपत्ति प्रस्तुत नही की गई और ना ही स्वयं उपस्थित हुए। जिस पर फैसला सुनाते हुए गिफ्ट रद्द करते हुए सम्पति को पुनः बुजुर्ग दम्पति के नाम कर दिया।
बुजुर्ग माता-पिता से गिफ्ट डीड में बंगला बिजनेस अपने नाम कर अपना ही बेटा उनको घर से बाहर खदेड़ रहा था। डीएम बंसल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए गिफ्ट डीड को एक झटके में ही खारिज करते हुए पूर्ण 3080 वर्ग फीट सम्पति पुनः बुजुर्ग दम्पति के नाम कर दिया है। गिफ्ट डीड शर्तों का उल्लंघन; नाफरमानी पर डीएम न्याय का हथोड़ा चलाते हुए गिफ्ट डीड को कैंसिल कर दिया है। बुजुर्ग दम्पति तहसील, थाना अवर न्यायालय से थकहार डीएम न्यायालय कराया वाद पंजीकृत, पहली ही सुनवाई में बुजुर्ग को इंसाफ मिल गया है। भरणपोषण अधिनियम की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए डीएम ने बुजुर्ग दम्पति को इंसाफ दिलाया है। आदेश फरमान से डीएम न्यायालय में ही दम्पति के आंसु छलक पड़े। ऐसे अनेकों मामले डीएम सविन बंसल के सामने आए जिसमें अपनों ने या भूमाफिया ने उनकी जमीन कब्जा दी लेकिन डीएम ने उन्हें न्याय दिलाया।
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