देहरादून: अगर आप यह सोचकर ब्रांडेड दवाएं खरीद रहे है कि इससे आपकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाएगी तो सावधान हो जाइए। उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जोकि नामी ब्रांडेड दवा कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाकर बाजार में बेच रहा था। पकड़ा गया आरोप नवीन बसंल निवासी आशियाना ग्रीन भिवाडी राजस्थान नाम बदलकर नकली दवा का कारोबार कर रहा था। आरोपित के विरुद्ध वर्ष 2018 में दिल्ली क्राइम ब्रांच में नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री पकड़े जाने का एक मुकदमा दर्ज है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि बीते एक जून को एसटीएफ ने आरोपित संतोष कुमार को सेलाकुई से गिरफ्तार किया गया था। आरोपित भी ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली दवा बेचने का काम कर रहा था। आरोपित के पास से भारी मात्रा में प्रतिष्ठित दवा कंपनियों ग्लेनमार्क टेलमा एएम, टेलमा 40, जीरो डोल एसपी, गाबापिन एनटी इंटास फार्मा लिमिटेड, एल्केम हेल्थ साइंस पेन 40, पेन एल, वोवरन एसआर 100, डा. रेड्डी लेबोरेटरी, कोडेक्ट्स टीआर कफ सिरेप, केडिला फार्मास्यूटिकल के रैपर के नकली आउटर बाक्स, लेबल व क्यूआर कोड बरामद हुए।
पूछताछ में संतोष कुमार ने बताया कि यह नकली आउटर बाक्स, लेबल व क्यूआर कोड वह अक्षय के कहने पर छापकर उसको ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भिवाड़ी राजस्थान भेज देता था। प्रकरण की गंभीरता देखते हुए विवेचना भी एसटीएफ को स्थांतारित की गई। एसटीएफ टीम को जो मोबाइल नंबर आरोपित संतोष कुमार ने उपलब्ध कराए थे, वह मोबाइल नंबर समाचारपत्रों व इंटरनेट मीडिया में प्रकाशित होने के बाद से ही बंद हो गए। ऐसे में मुख्य सरगना अक्षय को ढूंडना एसटीएफ के लिए एक चुनौती बन गया। एसटीएफ की टीम ने अक्षय के बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा कि आरोपित का असली नाम अक्षय नहीं नवीन बसंल है जोकि आशियाना ग्रीन भिवाड़ी राजस्थान में रहता है। नवीन बंसल दवाइयों का काम करता है, जिसके नाम कई दवाई फर्म रजिस्टर्ड हैं और वह आशियाना ग्रीन भिवाड़ी राजस्थान में नहीं बल्कि वर्तमान में अपने परिवार के साथ आशियाना गार्डन भिवाड़ी राजस्थान में रहता है।
एसएसपी ने बताया कि 27 जून को एसटीएफ टीम ने नवीन बंसल को आशियाना गार्डन भिवाडी राजस्थान से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरेापित ने बताया कि वह देहरादून में संतोष कुमार से रैपर व नकली आउटर बाक्स, लेबल एवं क्यूआर कोड छपवाता है। उसके बाद वह सेलाकुई देहरादून, बद्दी, हिमाचल, चंडीगढ़ आदि राज्यों से प्रतिष्ठित दवा कंपनियों की नकली दवाओं के पैकिंग तैयार करवाकर उनको दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा आदि राज्यों में बाजार में बेच देता है। बाजार में दवा बेचने पर उसे कोई टैक्स भी नहीं देना पड़ता है और भारी मुनाफा होता है। आरोपित से गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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