नैनीताल: सिडकुल घोटाले में सिडकुल हरिद्वार की निलंबित सहायक महाप्रबंधक राखी की सिडकुल प्रबंधक (एचआर) की ओर से विरुद्ध दर्ज की गई प्राथमिकी को रद करने को दायर याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। प्राथमिकी में आरोप है कि सहायक महाप्रबंधक ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जमा करके नौकरी हासिल की है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया यदि इस पत्र से केवल याचिकाकर्ता को लाभ हो सकता है, क्योंकि पत्र में ही कहा गया है कि इसे याचिकाकर्ता के कहने पर भेजा जा रहा है। एकलपीठ ने जांच अधिकारी को इस पत्र को IG गढ़वाल को भेज कर याचिकाकर्ता की भूमिका की जांच करने के आदेश भी दिए हैं।
राखी के विरुद्ध अगस्त में देहरादून के राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि संस्थान के मानव संसाधन विभाग ने 15 नवंबर 2022 को एक पत्र भेजा था। जिसमें पुष्टि की गई थी कि राखी सीओईआर के साथ काम किया था। इसलिए, उसके विरुद्ध जांच जारी रखना निरर्थक होगा। वहीं सरकारी अधिवक्ता के अनुसार जांच में याचिकाकर्ता का अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी साबित हुआ है। पत्र की प्रामाणिकता की भी जांच की गई और सीओईआर ने कहा कि यह पत्र भी संदिग्ध है और संस्थान द्वारा जारी नहीं किया गया है। कोर्ट ने पाया कि पत्र वास्तविक नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह जांच करे कि यह पत्र IG गढ़वाल को किसने भेजा था और इस पत्र पर किसने हस्ताक्षर किए थे।
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