देहरादून: नकलमाफिया के बाद अब सरकार नकलची दारोगाओं पर भी शिकंजा कसने जा रही है। शुक्रवार को दारोगा भर्ती धांधली में शासन ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी। इस संबंध में अपर सचिव ललित मोहन रयाल की ओर से विजिलेंस मुख्यालय को पत्र जारी कर दिया गया है। विजिलेंस मुख्यालय के आदेश पर विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें कुछ दारोगाओं को नामजद भी किया जा सकता है।
एसटीएफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक की जांच कर रही थी। इसी दौरान कुछ आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि वर्ष 2015 में सीधी दरोगा भर्ती में भी धांधली हुई थी। यह परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय ने आयोजित कराई थी।
पता चला कि इस परीक्षा में ओएमआर शीटों में गड़बड़ी कर चहेते अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाया गया था। शुरुआती जांच में पता चला कि तकरीबन 10 फीसदी दरोगा इस परीक्षा में नकल कर पास हुए थे। चूंकि, जांच पुलिस विभाग के कर्मचारियों की थी तो इसे एसटीएफ से न कराकर विजिलेंस को सौंपने का निर्णय लिया गया था।
विजिलेंस ने सितंबर में इस धांधली की जांच शुरू की थी। एसटीएफ ने भी 15 दरोगाओं के नाम विजिलेंस को सौंपे थे, जो नकल कर पास हुए थे। इस मामले में विजिलेंस ने पिछले दिनों शासन से मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। शासन ने मौखिक अनुमति तो सतर्कता समिति की बैठक में ही दे दी थी लेकिन शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया।
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