हरिद्वार: जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने डाडा जलालपुर के घटना के संबंध मांग की है कि यूपी मॉडल की तर्ज पर पत्थर फेंकने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने गांव में बुलडोजर को नुमाइश की तरह खड़ा कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दो दिन में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर नहीं चला तो सभी संत डाडा जलालपुर गांव में धर्म संसद करेंगे। रविवार की दोपहर महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज को डाडा जलालपुर गांव पहुंचने से पहले भगवानपुर में रोक दिया गया।
इसके बाद शाम को उन्होंने सुनहरा स्थित अपने जीवनदीप आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस प्रशासन की जमकर खिंचाई की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शोभायात्रा पर हमला एक प्रयोग है जो मध्यप्रदेश, दिल्ली, केरल और राजस्थान के करोली में हुआ, वही डाडा जलालपुर में भी हुआ। जानबूझकर शोभायात्राओं पर पत्थरबाजी हो रही है। हिंदुओं के धर्मिक जुलूस पर योजनाबद्ध तरीके से पत्थर डाले गए।
उन्होंने कहा कि गांव में बुलडोजर लेकर खड़ा कर दिया है। बुलडोजर की नुमाइश लगा दी है। बुलडोजर कोई तमाशे की चीज नहीं है। अब तक जिन घरों से पत्थर फेंके गए, अगर पुलिस कार्रवाई करती तो उनके घरों पर बुलडोजर चल जाना चाहिए था। जलालपुर जाने से रोके जाने पर उन्होंने कहा कि पुलिस सज्जन लोगों को रोकने का काम कर रही है और दुर्जन लोगों को बचाने का काम कर रही है।
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