देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने अंकिता हत्याकांड की स्टेटस रिपोर्ट दो सप्ताह में पेश करने के उत्तराखंड सरकार काे आदेश दिए हैं। अंकिता के माता-पिता व एक ग्रामीण ने हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में प्रकरण की पहली सुनवाई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से प्रकरण की रिपोर्ट तलब की।
जनपद पौड़ी के श्रीकोट निवासी अंकिता भंडारी की हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर परिजनों व एक ग्रामीण ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ग्रामीण आशुतोष नेगी ने बताया कि अक्तूबर 2022 में प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की गई थी जिसे दिसंबर 2022 में अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद अंकिता की मां सोनी भंडारी, पिता वीरेंद्र भंडारी व मैंने सुप्रीम कोर्ट में बीते माह याचिका दाखिल की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में प्रकरण की पहली सुनवाई जिसमें याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वीआईपी का नाम घटना के छह माह बाद भी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।
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