देहरादून: प्रदेश के गरीब परिवारों की 61 हजार से अधिक बेटियों को नंदा गौरा योजना का लाभ मिल सकेगा। सरकार ने बजट में वर्ष 2022-23 के लिए 500 करोड़ की व्यवस्था की है। हजारों बेटियों में कुछ को पिछले साल से तो कुछ को पिछले तीन साल से योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता का इंतजार है।प्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाली बेटियों के लिए नंदा गौरा योजना शुरू की गई है।
योजना के माध्यम से सामान्य श्रेणी से लेकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाली बेटियों के जन्म पर 11 हजार और इंटर पास करने पर 51 हजार की धनराशि दी जाती है ताकि बेटियां इंटर पास करने के बाद आगे की पढ़ाई जारी रख सकें, लेकिन कल्याणकारी योजना में बजट की कमी के चलते वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 तक गरीब परिवारों की 61890 बेटियों को नंदा गौरा योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
विभाग की ओर से वर्ष 2019-20 में 1421 बेटियों को, वर्ष 2020-21 में 16336 एवं वर्ष 2021-22 में 44133 बेटियों को योजना का लाभ नहीं मिला। विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019-20 में 27239, वर्ष 2020-21 में मात्र 31043 बेटियों को योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता दी गई है जबकि वर्ष 2021-22 में एक भी पात्र बेटी को योजना का लाभ नहीं मिला। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बेटियों को योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार से 375 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, लेकिन इसके विपरीत मात्र 60 करोड़ रुपये मिले।
सरकार बेटियों को योजना का लाभ मिल सके इसके प्रति गंभीर है। नंदा गौरा योजना के तहत इस बजट में 500 करोड़ की व्यवस्था की गई है। पूर्व में छूट गई बेटियों को समय से योजना का लाभ मिल सकेगा।
– रेखा आर्य, मंत्री महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास
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