देहरादून: नौ साल बाद प्रदेश के दो बड़े दिग्गजों की मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।शुक्रवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इसके बाद चर्चाओं का दौर गर्म हो गया।
फेसबुक पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा है कि मैं कोरोना संक्रमण के बाद समय-समय पर इंफेक्शन का शिकार हो जा रहा हूं। कोई न कोई इंफेक्शन मुझे रूग्ण कर दे रहा है। सतपाल महाराज जी के पास इस तरीके की रुग्णता के इलाज की कई जानकारियां हैं। वो एक राजनीतिज्ञ या धर्म पुरुष ही नहीं हैं, बल्कि आयुर्वेद से लेकर खान-पान, नेचुरोपैथी आदि में भी उनका जबरदस्त दखल है। मुझे इसकी जानकारी है तो मैं एक विवाह समारोह में उनसे मिला था। वहां थोड़ी बात हमारी हुई थी।
मधुमक्खियां कुछ ऐसा शहद तैयार करती हैं, जिससे इंफेक्शन आदि कई बीमारियों का इलाज निकलता है तो उस संदर्भ में बातचीत करने के लिए सतपाल महाराज जी के दर्शनार्थ गया था, बहुत उपयोगी बातचीत हुई। बल्कि कैसे मधुमक्खी पालन को हम अपने पर्यटन का आधार बना सकते हैं जिसमें पद्म के वृक्षों से लेकर के मैदानी क्षेत्रों में जामुन और पर्वतीय क्षेत्रों के अंदर अलग-अलग प्रकार के पुष्पों के आधारित शहद आदि सब पर बातचीत हुई।
हरीश रावत आगे कहते हैं कि शहद में मेरी भी दिलचस्पी रही है क्योंकि मधुमक्खी पालन पर मैंने काफी अध्ययन किया है, क्योंकि ये रोजी रोटी के लिए हमारे जैसे राज्य के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है तो उस पर हमारी बड़ी गहरी बातचीत हुई और साथ-साथ चटनी में महाराज की दिलचस्पी और जानकारियां, मैं जानता हूं खान-पान के वह विशेषज्ञ हैं, मगर चटनी शास्त्र में भी उनका इतना गहरा दखल है, यह पहली बार मुझको जानने को मिला। खैर कभी जीवन में उनसे चटनी शास्त्र का जो ज्ञान लिया है, विशेष तौर पर मेथी का अचार कैसे बनाया जा सकता है या मेथी की चटनी कैसे बनाई जा सकती है इसका मैं उपयोग कर लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा।
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