देहरादून: विदेशी नागरिकों के साथ ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने
पर्दाफाश किया है। आरोपी फर्जी काल सेंटर की आड़ में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने घटनास्थल से एक युवती सहित दो को गिरफ्तार किया है जबकि काल सेंटर में कार्यरत 15 युवक-युवतियों को नोटिस दिया है। अधिकतर आरोपी असम व मेघालय व मणिपुर के रहने वाले हैं, जबकि गिरोह के तार विदेश तक जुड़े हुए हैं। आरोपी खुद को माइक्राेसाफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बताकर विदेशी नागरिकों को फोन करते थे और लेपटाप से वायरस हटाने का झांसा देकर उनसे गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी में लाखों रुपये की पेमेंट लेते थे। आरोपितों से 14 लेपटाप, हेड फोन, सात मोबाइल फोन, ब्राडबेंड कनेक्शन के उपकरण बरामद किए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह ने बताया कि पटेलनगर कोतवाली पुलिस को पटेलनगर में फर्जी काल सेंटर की सूचना मिली थी। सूचना पर सीओ पटेलनगर अनिल जोशी, प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार, एसओजी निरीक्षक चंद्रभान सिंह अधिकारी व उपनिरीक्षक लोकेंद्र बहुगुणा ने टीम के साथ रिदम टावर में दबिश दी। स्टाफ से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह विवेक और निकिता की देखरेख में काल सेंटर में काम करते हैं। वह विदेशी नागरिकों को फोन कर खुद को माइक्रोसाफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बताते हैं। इसके बाद उनके कंप्यूटर व लेपटाप में वायरस होने व हैक होने की समस्या बताते हुए ठीक करने के एवज में सिस्टम का एक्सेस ले लेते हैं। समस्या को ठीक कहने की बात कहते हुए उनसे गिफ्ट कार्ड तथा क्रिप्टो करेंसी में मोटी धनराशि वसूलते हैं। पुलिस ने तत्काल आरोपित विवेक निवासी चरेल नोएडा उत्तर प्रदेश, मूल निवासी ग्राम अगरोहा, हिसार, हरियाणा और निकिता निवासी विलीज सोनादा जिला दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार कर लिया।
राहुल, मयंक व गौरव हैं गिरोह के मास्टरमाइंड
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड राहुल, मयंक व गौरव हैं, जिनके बारे में अन्य आरोपितों को भी जानकारी नहीं है। पूछताछ में
विवेक और निकिता ने बताया कि वह ठगी करने के लिए एक साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। इस साफ्टवेयर में सभी काल रिकार्ड होती हैं। उनका सारा स्टाफ इसी साफ्टवेयर का इसतेमाल करता है और वह विदेशी नागरिकों से बिटकाइन और गिफ्ट कार्ड के माध्यम से धनराशि वसूलते हैं। बिटकाइन व गिफ्ट कार्ड का विवरण गौरव व राहुल के पास रखा जाता है। वह इन आरोपितों से वर्चुअल नंबरों से काल किया करते हैं।
वाट्सएप चेट में 40 लाख रुपये लेनदेन का हिसाब
पुलिस ने जब आरोपी निकिता की वाट्सएप चेट देखी तो उसमें करीब 40 लाख रुपये का लेनदेन की जानकारी मिली है। निकिता ने बताया कि उसकी राहुल और गौरव से नोएडा में मुलाकात हुई थी, उन्होंने उसे देहरादून भेजा था। उनके ग्रुप का असली लीडर रितिक है। निकिता की वाट्सएप चेट देखने पर पता चला कि उसने 47150 डालर विभिन्न ट्रांजेक्शन में लिए हैं। पुलिस अब गिरोह के सरगना की तलाश में जुट गई हैं। बताया कि गिरोह के तार विदेश तक जुड़े हुए हैं।
इन्हें दिया गया है नोटिस
- निजाम निवासी ग्राम वेल तुला थाना बेलतुला जिला दिसपुर असम
- राधना निवासी ग्राम निग्रीम्स जिला खासी हिल्स मेघालय
- अजंग लेम टूर निवासी क्रिश्चियन बस्ती जिला दिसपुर असम
- अनामिका गोगोई निवासी ग्राम डाउनटाउन जिला दिसपुर असम
- एरीना सिंह निवासी दुरा मेघालय
- केगिया निवासी ग्राम आफरी चेलशिवाय जिला दिसपुर मणिपुर
- थंगबेन शोपाव निवासी दिल्ली किशनगंज
- लतीफ़ रहमान निवासी लाइटमुखर मेघालय
- दैहिरी कैकहों निवासी लाइटमुखर मेघालय
- अदीत संगम निवासी मेंदीपथर मेघालय
- शबत देबबर्म निवासी मानंतरीटिड सावलद मेघायल
- ध्यान ज्योति निवासी बरपानी मेघालय
- अमन दास निवासी लाइटमुखर मेघालय
- मार्कस पशेल निवासी सुगनू मेघालय
- नोकलें लकर निवासी दिमापुर पूर्वी नगालैंड
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