देहरादून: नंदा की चौकी स्थित द टोंस ब्रिज स्कूल में देश के प्रथम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद्मविभूषण जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत का मातृभूमि के लिए सेवा को भुलाया नहीं जा सकता। उनके नेतृत्व कौशल ने देश को गौरांवित किया है। सेना का मनोबल बढ़ाया व सेना के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए। वह उत्साह बढ़ाने का कार्य करते थे। एक बार जब दून आए थे तो पर्यावरण कार्यक्रम, सैनिक परिवार के वेलफेयर का काम करने पर चर्चा हुई थी। कहा कि उत्तराखंड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा सिर्फ रोजगार का साधन नहीं देश सेवा का उत्कृष्ट मौका भी है।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर बच्चा जनरल बिपिन रावत, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बने। हर बच्चे के भीतर विशेष गुण होते हैं, जो इनसे बहुत कुछ सीखकर आगे बढ़ सकता है। देश को भविष्य में भी अनेक बिपिन रावत मिलेंगे, क्योंकि देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। सैनिकों की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें एक राष्ट्र के स्वरूप में प्रयास करना चाहिए कि सैनिकों का सम्मान हो।
उन्होंने कहा कि मेरा यहां आना कई कारण से विशेष बन जाता है। इनमें सभी लोगों से मिलने व देश के लाल एवं सबके प्रिय सीडीएस की प्रतिमा का अनावरण मुख्य है। उनकी प्रतिमा देश व समाज को प्रेरणा देगी। कहा उत्तराखंड देवभूमि नहीं, बल्कि इसे वीरभूमि कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा। कहा इस प्रतिमा से हम बिपिन रावत की छवि को देख पा रहे हैं। इस प्रतिमा को स्थापित करने से उनके आदर्शों को समाज में प्रमुखता के साथ लाने की जरूरत है। कहा कि शौर्य, साहस व शालीनता का उनके भीतर संगम था। सियाचीन में गोली लगने के बाद भी उन्होंने सेना को ताकत दिलाई। जब दुनिया से गए तो जाते हुए भी ड्यूटी पर थे। अंतिम क्षण तक भी राष्ट्र की सेवा करते रहे।
पिता की आंख बनकर देश की सेवा करेंगी तारिणी
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीडीएस जनरल रावत जांबाज पराक्रमी सैनिक के साथ ही अच्छे इंसान भी थे। उनमें अहंकार नाम की चीज नहीं थी। जब भी चर्चा होती थी उनसे परामर्श लेते थे। उनकी बेटी तारिणी के भीतर भी उन्हीं का अक्स नजर आ रहा है। उम्मीद है कि पिता की तरह ही वह देश की सेवा करेंगी।
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