देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक आते ही जांच एजेंसियों को पूर्व मंत्री हरक सिंह की याद आने लगी है। सहसपुर भूमि खरीद के मामले में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को तलब किया। ईडी ने इस मामले पर हरक सिंह से करीब चार घंटे पूछताछ की। उधर हरक सिंह इस कार्रवाई को राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से की गई कार्रवाई बता रहे हैं।
पूर्व मंत्री कई वर्ष पूर्व खरीदी सहसपुर भूमि खरीद के मामले में ईडी के जांच के दायरे में है। हालांकि पहले ही इससे जुड़े कुछ दस्तावेज हरक सिंह ने ईडी के सामने रखे थे, लेकिन कुछ बिंदुओं पर ईडी हरक सिंह से पूछताछ करना चाहती थी, जिसको लेकर हरक सिंह को समन भेजा गया था।
सूत्रों की मानें तो ईडी के अधिकारियों ने हरक सिंह रावत से करीब चार घंटे तक लगातार पूछताछ की, जिसमें जमीन खरीद के लिए जुटाए गए पैसों के अलावा इसकी प्रक्रिया के बारे में भी पूछा गया। इस दौरान पूर्व में हरक सिंह रावत की ओर से दिए गए बयानों को लेकर उनसे दस्तावेज भी मांगे गए।
पूछताछ के बाद हरक सिंह रावत ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है। राजनीतिक प्रतिशोध के लिए इस तरह के हथकंडे अपना कर केवल उन्हें परेशान करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कानून बनना चाहिए की अगर अधिकारी ने जिस धारा में निर्दोष व्यक्ति को फंसाया और अगर व्यक्ति दोष मुक्त हों जाए तो उस अधिकारी पर उन्ही धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
हरक सिंह रावत से ईडी कार्बेट टाइगर रिजर्व मामले में पहले ही पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में तमाम दस्तावेज भी लिए गए हैं। हरक सिंह रावत ही नहीं बल्कि उनकी बहू अनुकृति गुसाईं रावत, उनकी पत्नी सहित परिजनों को भी ईडी अपने दफ्तर में पूछताछ के लिए बुला चुकी है। साथ ही उनके कुछ करीबियों से भी पूछताछ हुई है
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