देहरादून: एक बार फिर SDRF की टीम राजस्थान के ट्रैकर कर लिए देवदूत बनकर आई। आग की लपटों के बीच फंसे ट्रैकर को 08 किलोमीटर घने जंगल को छानकर ढूंढ निकाला और रेस्क्यू किया। दो अन्य ट्रेकरों को डीडीआरएफ, फायर और वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया। सोमवार को देवरियाताल-चोपता ट्रेक पर निकले तीन ट्रेकर्स का सफर उस समय खतरनाक हो गया जब जंगल में आग लगने के कारण वे रास्ता भटक गए।
जिला नियंत्रण कक्ष, रुद्रप्रयाग से मिली जानकारी के अनुसार, तीनों ट्रेकर्स में से एक व्यक्ति को चोट लगने के कारण वह रास्ते में रुक गया। उसके साथ एक साथी वहीं रुक गया, जबकि तीसरा व्यक्ति सहायता के लिए नीचे गया, लेकिन उसे भी पैर में चोट लग गई।

डीडीआरएफ और वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो व्यक्तियों को ट्रेक पर ढूंढ लिया गया वहीं तीसरे लापता व्यक्ति को खोजने की जिम्मेदारी एसडीआरएफ ने उठाई। इंस्पेक्टर कर्ण सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम ने लगभग 08 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके घायल व्यक्ति अधिराज चौहान (उम्र 21 वर्ष, निवासी उदयपुर, राजस्थान) को घने जंगल से ढूंढ निकाला। एसडीआरएफ टीम द्वारा घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर कड़ी मशक्कत करते हुए स्ट्रेचर की सहायता सुरक्षित मुख्य मार्ग तक पहुँचाकर उपचार हेतु अस्पताल पहुँचाया गया।

अन्य 02 ट्रेकर्स को भी सुरक्षित नीचे लाये जाने के लिए DDRF व फॉरेस्ट की टीम की सहायता के लिए SDRF की एक अतिरिक्त टीम सोनप्रयाग से SI धर्मेंद्र पंवार के नेतृत्व में मौके के लिए रवाना हो गयी है। SDRF रेस्क्यू टीम में निरीक्षक कर्ण सिंह, उप निरीक्षक भगत सिंह, मुख्य आरक्षी महेश चन्द, मुख्य आरक्षी प्रदीप सिंह, आरक्षी राजीव सिंह, आरक्षी अनिल गोस्वामी व उपनल चालक विमल रावत शामिल रहे।
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