देहरादून: प्रदेश के मैदानी जिलों में बढ़ती यातायात की समस्या को देखते हुए निदेशालय भी सख्त हो गया है। निर्णय लिया है कि यातायात में अब कामचलाऊ पुलिसकर्मियों की नियुक्ति नहीं हो पाएगी। यातायात निदेशालय की ओर से प्रत्येक यातायात कर्मी के कार्यों का आंकलन किया जाएगा। जो भी कर्मी यातायात प्रबंधन की दृष्टि से उपयुक्त नहीं पाए जाते उन सभी को यातायात पुलिस से अवमुक्त करते हुए यातायात प्रबंधन के लिए निष्प्रभावी चिन्हित किया जाएगा। ऐसे पुलिसकर्मियों को भविष्य में कभी भी यातायात पुलिस में तैनाती नहीं दी जाएगी उन्हें उनके मूल संवर्ग में वापस किया जाएगा।
निदेशक यातायात व पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी ने गुरुवार को आदेश जारी किए कि राज्य में यातायात प्रबंधन में नियुक्त सभी अपर उपनिरीक्षक यातायात, अपर गुल्मनायक से निरीक्षक यातायात तक के कर्मियों को नाम व पदनाम के साथ स्पष्ट कार्य आंवटन व उसका विस्तृत आंकलन किया जाए। इससे न केवल उनके कार्यों में पारदर्शिता आएगी बल्कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता का आंकलन भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारियों को उनके उत्तरदायित्वों और जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट आदेश व दिशा निर्देश जारी किए जाएं।
यह भी दिए दिशा निर्देश
-सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक यातायात का यह व्यक्तिगत उत्तरदायित्व होगा कि अपर उपनिरीक्षक यातायात व अपर गुल्मनायक से निरीक्षक यातायात स्तर तक के प्रत्येक कर्मचारी की कार्यक्षमता का मूल्यांकन उन्हें आवंटित कार्यों के आधार पर करेंगे ।
-यातायात कर्मियों का मूल्यांकन उनके तुलनात्मक अध्ययन में पाए गए अपेक्षित सुधार से किया जाए। साथ ही इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट एक माह पश्चात यातायात निदेशालय को भी भेजेंगे।

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