September 16, 2025

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दून में बैठकर चल रहा था PM मुद्रा लोन योजना के नाम पर साइबर ठगी का खेल, इनकम सुनकर उड़ जाएंगे होश

देहरादून: मुद्रा लोन योजना के नाम पर साइबर ठगी करने वाले एक साइबर ठग गिरोह का उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सरगना सहित अन्य ठग फरार चल रहे हैं। आरोपितों की तलाश में टीमें जगह-जगह दबिश दे रही है। गिरफ्तार आरोपितों से 1.31 लाख रुपये, 64 सिम कार्ड, 10 मोबाइल, 02 पासबुक और 07 चेकबुक बरामद की गई। गिरोह के सदस्यों ने ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के निवासियों को शिकार बनाया। ठगों के बैंक खातों में देशभर के करीब हर राज्य से अलग-अलग व्यक्तियों की ओर से प्रतिदिन 25 से 30 हजार रुपये किश्त में लाखों रुपये जमा कराए जा रहे थे।

घटना के बारे में जानकारी देते एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल।

एसटीएफ उत्तराखंड के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि गृह मंत्रालय के विभिन्न पाेर्टलों का अवलोकन करने पर पाया कि मुद्रा लोन योजना के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में चल रहे हैं। मामले की जांच के लिए एसआइ विपिन बहुगुणा व नरोत्तम बिष्ट की देखरेख में एक टीम गठित की गई। जांच के दौरान विभिन्न मोबाइल नंबरों से देशभर में कई नागरिकों के साथ साइबर ठगी की घटनाएं सामने आइ और संदिग्ध बैंक खातों में ही पिछले दो माह में करीब 1.5 करोड़ रुपये जमा किए गए और निकाले गए।

विशेषकर भारत के दक्षिणी राज्य तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक से ज्यादा धनराशि जमा की जानी पाई गई है। इस संबंध में दक्षिण भारत के राज्यों में आनलाइन ठगी की घटनाओं का फौरी विश्लेषण भी किया गया। पता चला कि सैकड़ों की संख्या में ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिनसे मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी की जा रही थी। जिनमें से अभी तक 35 शिकायतें तेलंगाना, आंध्रा और महाराष्ट्र राज्य में दर्ज पाई गई।

गिरफ्तार साइबर ठग।

प्रेमनगर क्षेत्र में ठिकाने का पता लगाना नहीं था आसान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि इस गिरोह को लेकर यह जानकारी तो पुख्ता हो गई थी कि इसका संचालन प्रेमनगर क्षेत्र से किया जा रहा है, लेकिन यह लोग रह कहां पर रहे हैं, यह पता करना चुनौती बन था। क्योंकि, ठगी में जिन सिम कार्ड का प्रयोग किया जा रहा था, वह फर्जी आईडी पर लिए गए थे। साथ ही तकनीक का प्रयोग करके लोकेशन कहीं और दिखाई गई थी। लिहाजा, पूरे क्षेत्र में निगरानी के लिए कार्ययोजना बनाई गई और 15 दिन तक रेकी की गई। निगरानी के बाद टीम को सफलता हाथ लगी और दो साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए साइबर ठगों में राहुल चौधरी निवासी ग्राम करहेटा गोसरपुर, तहसील कादीपुर थाना दोस्तपुर जिला सुल्तानपुर यूपी और सिद्धांत चौहान निवासी ग्राम जलूलपुर खेड़ा, जिला बदायूं यूपी वर्तमान निवासी दशहरा ग्राउंड प्रेमनगर के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह का सरगना दीपक राज शर्मा निवासी ग्राम विशुनपुर, छोटेपट्टी, जिला सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश है, जिसकी तलाश की जा रही है।

गिरफ्तार साइबर ठग।

12वीं पास है गिरोह का मुख्य सदस्य राहुल चौधरी
पूछताछ में गिरोह के मुख्य सदस्य राहुल चौघरी उर्फ राहुल कन्नौजिया ने बताया गया कि वह 12वीं पास है और उसके पास कोई काम-धंधा नहीं था। वह गिरोह के सरगना दीपक राज शर्मा के गांव के बगल के गांव का रहने वाला है। दीपक राज ही राहुल को देहरादून लेकर आया। दीपक राज शर्मा देहरादून में पिछले 4-5 सालों से रह रहा है। उसी ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करना सिखाया। राहुल को यह काम दिया गया कि वह लोगों को काल कर और खुद को इस योजना कार्यालय का सरकारी कर्मचारी बताए। ताकि लोग आसानी से झांसे में फंस सकें।

साइबर ठग इस तरह करते थे ठगी
ठगी के लिए राहुल लोगों को मुद्रा लोन दिलाने में मदद करने का झांसा देता और उसके बाद मुद्रा लोन को स्वीकृत होना बताकर सरकार से ज्यादा सब्सिडी पाने का प्रलोभन भी देता था। इसके लिए कमीशन और प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में अपने बताए गए बैंक खातों में लोन के मुताबिक पांच से 10 प्रतिशत धनराशि को जमा करा लेता था। जिसके गैंग ने धोखाधड़ी करने के लिए 4-5 युवक आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में भी रखे थे। जैसे ही धनराशि जमा होने का मैसेज मिलता, तत्काल एटीएम से पैसों को निकाल लिया जाता था। ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सिम कार्डस फर्जी आईडी पर लिए जाते हैं, जिन्हे प्रति सिम 1000 रुपये में खरीदा जाता था। सिम को तीन-चार महीने प्रयोग करने के बाद तोड़कर फेंक दिया जाता था।

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