July 3, 2025

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राज्य संपत्ति विभाग का फर्जी अधिकारी गिरफ्तार, पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है शातिर

देहरादून: खुद को सचिवालय में राज्य संपत्ति विभाग का अधिकारी बताकर युवती को फर्जी नियुक्तिपत्र देकर ठगी करने वाले व व्यवसायी से स्कूटी ठगने वाले शातिर को शहर कोवताली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जगदीश सिंह निवासी-कृष्णा एक्लेव आमवाला तरला सहस्त्रधारा रोड़ देहरादून ने तहरीर दी कि उनके पडोस में रहने वाले एक व्यक्ति के माध्यम से उनकी पहचान अवनीश भट्ट नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसका उनके पडोसी के घर आना जाना था। अवनीश भट्ट ने अपना पहचान पत्र दिखाते हुए खुद को उत्तराखंड सचिवालय में राज्य सम्पत्ति विभाग में वर्ग-2 का अधिकारी बताया जाता था।

शिकायतकर्ता की पुत्री शिवानी मुयाल जिसने बीबीए किया था उसकी नौकरी के संबंध में अवनीश भट्ट से बात की गई तो उसने जिलाधिकारी कार्यालय देहरादून में डाटा ऑपरेटर के पद पर उसकी नियुक्ति लगवाने की बात कही गई तथा उसके लिये आवश्यक दस्तावेज तैयार करने के एवज में उनसे 20 हजार रुपये की मांग की। साथ ही अपनी पुत्री के सभी आवश्यक प्रमाण पत्र भी अवनीश भट्ट को दिये। एक सप्ताह पश्चात अवनीश भट्ट ने शिकायतकर्ता की पुत्री को एक नियुक्ति पत्र दिया गया जो जिलाधिकारी कार्यालय से जारी किया गया था। उक्त नियुक्ति पत्र को लेकर जब शिकायतकर्ता व उनकी पुत्री जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो कार्यालय के माध्यम से उन्हें ज्ञात हुआ कि उक्त नियुक्ति पत्र फर्जी है।

वहीं अनमोल गुप्ता निवासी आढ़त बाजार ने बताया कि उनका तिरुपति ट्रैवल्स नाम से व्यवसाय है। 18 जनवरी को उनकी दुकान पर एक लड़का आया, जिसने अपना नाम संजय कुमार निवासी 56 जेल कचहरी पौड़ी गढ़वाल बताते हुए उनकी दुकान से एक स्कूटी संख्या: यू0के0-07-टीडी-5926 किराये पर ले गया था। संजय ने शुरू के दस दिनों तक स्कूटी का किराया दिया लेकिन अब ना तो वह फोन उठा रहा है और ना स्कूटी वापस कर रहा है।

जांच के दौरान शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपी संजय कुमार निवासी ग्राम गिदरासू पोओ अदाणी पट्टी पटवालस्यूँ, ब्लॉक कल्जीखाल, जिला पौडी गढ़वाल को रेलवे स्टेशन के पीछे बारात घर के पास से स्कूटी संख्या: यू0के0-07-टीडी-5926 के साथ गिरफ्तार किया गया। स्कूटी के संबंध में पूछताछ करने पर उसने स्कूटी को किराये की होना बताया। पूछताछ में संजय कुमार ने बताया कि वह बीए पास है तथा ग्राम गिदरासू पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व वह टैक्सी कैब में काम करने के लिये देहरादून आया था, लेकिन उसमें ज्यादा फायदा न होने के कारण वह कचहरी में नैना फोटो स्टेट के नाम से एक दुकान मे नोटरी व अटैस्टेड का काम करने लगा। वहीं पर उसने राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में अलग-अलग पद की अवनीत भट्ट के नाम से फर्जी पहचान पत्र तथा अवनीत भट्ट व संजय कुमार के नाम से अलग-अलग आधार कार्ड बनाए। उसने समाज कल्याण विभाग में पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, आर्थिक योजना तथा श्रम विभाग में लोन का पैसा सेटेलमेन्ट का झांसा देकर कई लोगों से पैसों की ठगी की गयी।

कचहरी परिसर में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात प्रिया नाम की एक युवती से हुई, जिसका संजय ने समाज कल्याण विभाग में आर्थिक योजना का आवेदन पत्र भरा था, जिसका उसको लाभ मिला। आरोपी पर विश्वास होने पर प्रिया के माध्यम से उसकी मुलाकात जगदीश मुयाल से हुई, जिनसे संजय ने उनकी बेटी की नौकरी लगाने की एवज में 20 हजार रुपये अपने परिचत के खाते में डलवाये तथा उनकी पुत्री के शैक्षणिक व अन्य दस्तावेज प्राप्त करते हुए कुछ समय बाद उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में नियुक्ति का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया।

आरोपी ने अपने मोबाइल पर एप डाउनलोड किए और एप की सहायता से वह नाम परिवर्तन कर पहचान पत्र तथा सरकारी आदेशों पर एडिटिंग कर हस्ताक्षर व मोहर स्कैन कर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। आरोपी ने उक्त एप के माध्यम से ही शिवानी मुयाल का फर्जी ज्वॉइनिंग लैटर तैयार कर उस पर जिलाधिकारी देहरादून के हस्ताक्षर स्कैन कर फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया गया था तथा उसे शिवानी मुयाल को उसके पिता जगदीश सिंह की मौजूदगी में दिनांक दो फरवरी को कलेक्ट्रेट परिसर में दिया था।

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