देहरादून: तहसील थलीसैण के एक गांव में पोते व भतीजी के साथ मायके से घर लौट रही…
Day: April 6, 2022
देहरादून: सरकारी अस्पताल प्रेमनगर में कांट्रेक्ट पर तैनात एंबुलेंस चालक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के पास…
देहरादून: कोरोनाकाल में लाखों परिवार ऐसे थे जिसमें से किसी न किसी ने अपनों को खोया। संकट की इस घड़ी में जब अपनों ने ही अपनों से दूरी बना ली तो फरिश्ता बनकर डा. जितेंदर सिंह शंटी आए। इस संकट की घड़ी में जितेंदर सिंह शंटी के कारण कई मृतकों को मोक्ष प्राप्त हो सका। बता दें कि जितेंदर सिंह शंटी ने अपनी जान की परवाह किए बिना दिल्ली में 4500 से अधिक शवों का अपने हाथों से अंतिम संस्कार किया। इसके लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की ओर से उन्हें पदमश्री अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। शहीद भगत सिंह सेवा दल के…