देहरादून: यदि आप भी सपनों का घर बनाने के लिए देहरादून में जमीन का टुकड़ा देख रहे हैं, तो भलि भांति देखने के बाद ही जमीन का सौंदा करें। यूपी, असम, वकीलों और रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों ने मिलीभुगत करके अधिक से ज्यादा जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री बनाई हुई हैं। रजिस्ट्री देखकर यदि आपने अपनी जिंदगी भर की कमाई उन्हें थमा तो हो सकता है कि आपके साथ धोखा हो जाए। क्योंकि इन कई भोले भाले लोग अपनी खून पसीने की कमाई इन भूमाफिया को दे चुके हैं। अब जब जांच हुई तो पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
रविवार को रजिस्ट्री कार्यालय में रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मामले में एसआइटी ने सीनियर वकील कमल बिरमानी को गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले पुलिस ने वकील कमल बिरमानी के पूर्व मुंशी रोहताश को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने कमल बिरमानी का नाम उगला। सहारनपुर का भूमाफिया कुंवरपाल जब अधिवक्ता कमल बिरमानी के चैंबर में आता जाता था तो फर्जी रजिस्ट्रियों का सारा काम रोहताश ही करता था। जब उसे फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी हो गई तो उसने 2020 में काम छोड़कर अपना काम करना शुरू कर दिया।बताया जा रहा है कि अधिवक्ता के माध्यम से सहारनपुर निवासी कुंवरपाल की रजिस्ट्री कार्यालय में आना जाना हुआ और उसने वहां के कर्मचारियों को रुपयों के लालच देकर उन्हें फंसाया और कार्यालय से फर्जी रजिस्ट्रियां बाहर निकलवाई जबकि उनकी जगह पर फर्जी रजिस्ट्री लगवा दी।
इस मामले में एसआइटी की ओर से फर्जीवाड़े में अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें कमल बिरमानी सहित संतोष अग्रवाल, दीपचंद अग्रवाल, रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी डालचंद, अजय सिंह क्षेत्री व विकास पांडे, अधिवक्ता इमरान अहमद, पीलीभीत के रहने वाले मक्खन सिंह और अधिवक्ता के मुंशी रोहताश सिंह शामिल हैं।
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